जन्माष्टमी के लिए धर्मसिंधु के अनुसार जो आवश्यक योग माने गए हैं उनमें प्रमुख रूप से अष्टमी तिथि है, जो रात्रि 3.10 मिनट तक रहेगी, रोहिणी नक्षत्र रात्रि 12.10 मिनट तक रहेगा। यह जन्माष्टमी इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि कृष्ण का जन्म भी रात्रि 12 बजे, अष्टमी तिथि एवं रोहिणी नक्षत्र, उच्च वृषभ राशि में चन्द्र, सिंह का सूर्य, कन्या का बुध, अमृत सिद्धि तथा सर्वार्थ सिद्धि योग में हुआ था, जो कि इस बार भी रहेगा। इन्हीं योगों के कारण बृहस्पति उदय तथा शुक्र मार्गी होने जा रहे हैं।