Amavasya 2024 Date : हिन्दू कैलेंडर के अनुसार वर्ष 2024 में ज्येष्ठ माह की अमावस्या दो दिन मनाई जा रही है। 05 जून, बुधवार को दर्श अमावस्या और 06 जून, बृहस्पतिवार को ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या मनाई जाएगी।
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार हर माह की कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि पर अमावस्या पड़ती है। यह अमावस्या पितरों को मोक्ष दिलाने वाली मानी गई है। अमावस्या तिथि पर नदी स्नान, जप, तप, पूजन, अर्घ्य तथा दान देने का विधान है।
ज्येष्ठ अमावस्या के उपाय- Jyeshtha Amavasya ke Upay
1. जिन लोगों का चंद्रमा कमजोर है, वे अमावस्या के दिन गाय को दही और चावल खिलाएं, इस उपाय से मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
2. अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त पीपल के पेड़ पर कच्ची लस्सी, थोड़ा-सा गंगा जल, काले तिल, शकर, चावल, सादा जल तथा पुष्प अर्पित करें।
मंत्र- 'ॐ पितृभ्य: नम:' का जाप करने से पितृदेव प्रसन्न होते हैं।
3. ज्येष्ठ अमावस्या के दिन तांबे के लोटे में लाल चंदन, गंगा जल और शुद्ध जल मिलाकर 'ॐ पितृभ्य: नम:' का मंत्र पढ़ते हुए 3 बार सूर्यदेव को अर्घ्य देने से गरीबी, दरिद्रता दूर होती है तथा कल्याण होता है।
4. अमावस्या पर जो लोग नदी पर न जा सकें वे घर पर स्नान करके अनुष्ठान करना चाहते हैं तो उन्हें पानी में थोड़ा-सा गंगा जल मिलाकर तीर्थों का आह्वान करते हुए स्नान करें और पितृओं का ध्यान एवं तर्पण करें तो पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
5. हिन्दू धर्म में वट वृक्ष का खास महत्व माना गया है अतः वटवृक्ष से निम्न मंत्र से प्रार्थना करें. - 'यथा शाखाप्रशाखाभिर्वृद्धोऽसि त्वं महीतले।
तथा पुत्रैश्च पौत्रैश्च सम्पन्नं कुरु मा सदा।।'
साथ ही इस दिन महिलाएं वट की पूजा-अर्चना तथा परिक्रमा करके पुत्र की कामना तथा सुख-शांति का आशीष मांगें।
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।