* राहु-केतु ने बदली अपनी राशि, देश-दुनिया पर ऐसा रहेगा असर...
18 अगस्त 2017 से राहु-केतु ने राशि परिवर्तन कर लिया है। इन दोनों ग्रहों ने 12 राशियों का 18 साल में एक चक्र पूरा करने के बाद फिर से नई राशियों में प्रवेश किया। मौजूदा समय में राहु का सिंह राशि में प्रवास था, अब राहु ने कर्क राशि में प्रवेश कर लिया है..। इसके साथ ही केतु ने कुंभ राशि से मकर राशि में प्रवेश कर लिया है। ग्रहों का यह फेरबदल 17-18 अगस्त की रात्रि 2:40 बजे के लगभग हुआ। ।
राहु कर्क में और केतु मकर राशि में 7 मार्च 2019 तक रहेंगे। कर्क राहु के शत्रु चंद्रमा की राशि है। मकर केतु के मित्र शनि की राशि है। राहु और केतु को ज्योतिष में छाया ग्रह माना जाता है। ये लगभग 18 महीने में राशि में बदलते हैं। ये दोनों ग्रह हमेशा वक्री रहते हैं यानी उल्टे चलते हैं।
राहु-केतु का राशि परिवर्तन वृष, कन्या, वृश्चिक, कुंभ और मीन वालों के लिए शुभ रहेगा। वहीं मेष, मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, धनु और मकर राशि वाले लोगों की परेशानियां बढ़ सकती हैं।
राहु और केतु को पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव माना जाता है। इनके राशि बदलने के बाद होने वाले अशुभ असर से प्राकृतिक आपदाएं आती हैं। इन ग्रहों का असर देश, प्रदेश और राज्य की सीमाओं पर भी होता है। जिससे इन स्थानों पर असर पड़ेगा।
राहु के शत्रु ग्रह की राशि में होने से देश की सीमाओं पर तनाव बढ़ने की संभावनाएं ज्यादा है। देश और दुनिया के दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों में महत्वपूर्ण बदलाव भी हो सकते हैं।
इन ग्रहों के राशि परिवर्तन से धोखा, झूठ, चोरी, षड़यंत्र, अनैतिक काम बढ़ने की संभावनाएं हैं। राहु जनसंचार, इंटरनेट और कम्प्यूटर का कारक होने से इनसे जुड़े बड़े बदलाव देश में हो सकते हैं।