इस बार 18 अगस्त को आ रहे भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन पर्व अत्यंत शुभ सिंहासन-गौरी योग बनने तथा भद्रा का साया नहीं पड़ने पर सुखद संयोग बन रहा है। ऐसा संयोग 3 वर्ष बाद बन रहा है अत: इस वर्ष रक्षाबंधन के दिन लोगों को भद्रा काल देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लोग दिनभर शुभ मुहूर्तों में राखी बांध सकेंगे।
इस बार श्रावण शुक्ल पूर्णिमा रक्षाबंधन का पर्व भद्रा मुक्त रहेगा क्योंकि भद्रा काल सूर्योदय होने से पहले ही समाप्त हो जाएगा। इस कारण लोग सुबह के मुहूर्त में भी रक्षाबंधन मना सकते हैं। वैसे दोपहर व शाम को भी राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त हैं।
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जानिए राखी बांधने के शुभ मुहूर्त
सुबह 06 से 07.30 बजे तक- शुभ।
सुबह 10.30 से दोपहर 12 बजे तक- चर।
दोपहर 12 से 01.30 बजे तक- लाभ।
दोपहर 01.30 से 03 बजे तक- अमृत।
शाम 04.30 से 06 बजे तक- शुभ।
शाम 06 से 07.30 बजे तक- अमृत।
क्या होती है भद्रा :
पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में भद्रा को सूर्यदेव की पुत्री और शनिदेव की बहन बताया गया है। शनि की तरह इसका स्वभाव क्रूर बताया गया है। इसके उग्र स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए ब्रह्म देवता ने काल गणना में प्रमुख स्थान दिया है।
इसका समय 7 से 13 घंटे 20 मिनट तक रहता है। इस दौरान राखी बांधना और होलिका दहन निषेध माना गया है। इसके साथ ही विवाह, मुंडन, गृहप्रवेश आदि मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।