shani ki sade sati 2025: चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस बार 12 अप्रैल 2025 शनिवार के दिन हनुमान जयंती रहेगी। इस बार साढ़ेसाती और ढैया से बचने के लिए हनुमानजी की इस विधि से करें पूजा। 29 मार्च से मेष राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती प्रारंभ हुई है वहीं मीन राशि वाले जातकों पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण प्रारंभ हुआ है। कुम्भ राशि वाले जातकों पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण चल रहा है और 29 मार्च से धनु एवं सिंह राशि वाले जातक वर्षपर्यंत शनि की ढैय्या से प्रभावित रहेंगे।
शुभ शनि अपनी साढ़ेसाती व ढैय्या में जातक को आशातीत लाभ प्रदान करते हैं वहीं अशुभ शनि अपनी साढ़ेसाती व ढैय्या में जातक को घोर व असहनीय कष्ट देते हैं। प्रायः शनिवार व मंगलवार हनुमान के दिन माने जाते हैं। इस दिन हनुमान को सिंदूर व तेल अर्पण करने की प्रथा है। कुछ जगह तो नारियल चढ़ाने का भी प्रचलन है। तेल, सिंदूर, रुई के पत्तों में हनुमान के पवित्रक आकर्षित करने की क्षमता सर्वाधिक है। इसी कारण हनुमान को यह सामग्री अर्पित करते हैं। यदि शनि की साढ़ेसाती हो, तो उस प्रभाव को कम करने हेतु हनुमान की पूजा करते हैं।
शनि की साढ़ेसाती व हनुमान की पूजा:-
यह विधि इस प्रकार है- एक कटोरी में तेल लें व उसमें काली उड़द के चौदह दाने डालकर उस तेल में अपना चेहरा देखें। उसके उपरांत यह तेल हनुमान को चढ़ाएं। जो व्यक्ति बीमारी के कारण हनुमान मंदिर नहीं जा सकता, वह भी इस पद्धतिनुसार हनुमान की पूजा कर सकता है।
खरा तेली शनिवार के दिन तेल नहीं बेचता, क्योंकि जिस शक्ति के कष्ट से छुटकारा पाने के लिए कोई मनुष्य हनुमान पर तेल चढ़ाता है, संभवतः वह शक्ति तेली को भी कष्ट दे सकती है। इसलिए हनुमान मंदिर के बाहर बैठे तेल बेचने वालों से तेल न खरीदकर घर से ही तेल ले जाकर चढ़ाएं।