सूर्य सब ग्रहों का राजा है। यह अग्नि तत्व प्रधान होकर लाल वर्ण वाला ग्रह है। यह पूर्व दिशा का स्वामी है। सूर्य की सिंह राशि है। सूर्य आत्मा और पिता का कारक माना जाता है। जन्म कुंडली में यह सम्मान, सफलता, प्रगति और उच्च पद को प्रदान करने वाला होता है।
सूर्य के जल तत्व की राशि में होने से इसकी तपिश खत्म होकर वातावरण में ठंडक घुल जाती है। उसी प्रकार यह मानव जीवन पर भी शीतलता घोल देता है। सूर्य के साथ राहु होने से यह प्रभाव में कमी ला देता है व उत्तम फल नहीं देता हैं। यदि किसी के जन्म के समय सूर्य राहु हो व गोचर में भी हो तो परिणाम शुभ नहीं मिलते।
ऐसा जातक व्यसनी व पापकर्म में लिप्त तथा पिता का अपमान करने वाला होता है व उसे पितृदोष भी लगता है। साहस में कमी रहती है। प्रत्येक कार्य में बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
सोमवार, 16 जुलाई 2018 को सूर्य 22.42 बजे कर्क राशि में गोचर भ्रमण करेगा और 17 अगस्त 2018 को 7.06 बजे तक इसी राशि में रहेगा। सूर्य के साथ राहु व बुध भी वक्री मार्गी व अस्त होकर रहेंगे।
कर्क के सूर्य का गोचरीय प्रभाव सभी राशियों पर कैसा होगा। आइए जानते हैं-
मेष राशि में सूर्य आपकी राशि से चौथे भाव में गोचर भ्रमण करने से पारिवारिक समस्या को लेकर आप थोड़े तनाव में रह सकते हैं। माता-पिता की सेहत में भी कुछ कमी रह सकती है। माता के स्वास्थ्य की ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होगी। परिवार के लोगों से विवाद का कारण भी बन सकता है। मानसिक तनाव के कारण आपके कार्य में रुचि कम रहेगी।
वृषभ राशि में सूर्य के तीसरे भाव में भ्रमण करने से आपके साहस में वृद्धि होगी। आप शत्रुओं पर प्रभावी रह सकते हैं। मध्यम दूरी की यात्रा पर जाने के योग बन रहे हैं। भाइयों के साथ मतभेद हो सकता है। समाज में प्रतिष्ठित लोगों से आपके संबंध स्थापित होंगे। साझेदारी के कार्य में संभलकर चलना होगा। जमीन-जायदाद के मामलों में सावधानी रखना होगी।
मिथुन राशि में सूर्य के दूसरे भाव से भ्रमण करने से आपकी वाणी में कटुता देखने को मिल सकती है। कठोर वाणी के चलते लोग आपसे नाराज व दुखी रह सकते हैं। परिवार के लोगों से भी आपका मनमुटाव संभव है। इस अवधि में आप धन की बचत करने में सफल रहेंगे। आंख से संबंधित कोई रोग हो सकता है। अपनी कार्यक्षमता और प्रयासों के बल पर आप हर परिस्थिति को अपने अनुकूल बना सकते हैं।
कर्क राशि में सूर्य का गोचरीय भ्रमण लग्न से होने से आपके स्वभाव में अहं की भावना रहेगी एवं आपकी भाषा में कड़वाहट देखी जा सकती है। आपके इस स्वभाव के कारण रिश्तों में खटास आ सकती है। जीवनसाथी से नाराजगी झेलना पड़ सकती है। जीवनसाथी से वाद-विवाद न करें और उनकी भावनाओं की कद्र करें। सिरदर्द, बुखार व स्वास्थ्य संबंधी परेशानी आपको हो सकती है।
सिंह राशि में सूर्य का गोचरीय भ्रमण बारहवें भाव में होने से इस दौरान आपके स्वास्थ्य में गिरावट होने की आशंका है इसलिए समय-समय पर अपने स्वास्थ्य की जांच कराते रहें। विदेश यात्राओं के योग बन सकते हैं। कड़ी मेहनत के बल पर आप विपरीत परिस्थितियों को अपने अनकूल बनाने में सफल रहेंगे। इस दौरान आपके खर्च में वृद्धि हो सकती है इसलिए पैसों का इस्तेमाल सही तरीके से करें। नेत्र संबंधी रोग हो सकता है।
कन्या राशि में सूर्य का गोचरीय भ्रमण एकादश भाव से होने से आपको विदेशी संबंधों अथवा विदेशी व्यापार से आर्थिक लाभ होने की संभावना है। इस दौरान आपके शत्रु परास्त होंगे। कार्यस्थल पर वरिष्ठ कर्मियों के साथ आपका वाद-विवाद हो सकता है अत: सावधानी रखकर चलें। गुस्से और अहंकार से बचकर चलें। संतान के स्वास्थ्य में कमी देखी जा सकती है अत: उनकी सेहत का ध्यान रखना होगा।
तुला राशि में सूर्य का गोचरीय भ्रमण दशम भाव में होने से इस अवधि में आप अपनी योग्यता से अधिक कार्य करेंगे जिसके फलस्वरूप आपको अनुकूल परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। व्यापार-व्यवसाय की स्थिति में उतार-चढ़ाव रहेगा। नौकरीपेशाओं को सावधानी रखना होगी। शासकीय योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। पारिवारिक मामलों में तनाव देखने को मिल सकता है।
वृश्चिक राशि में सूर्य का गोचरीय भ्रमण नौवें भाग्य भाव से होने से यह आपके लिए कुछ असाधारण साबित हो सकता है। कार्य में बाधा, धार्मिक कार्य में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। मान-सम्मान को ठेस लग सकती है। पिता की सेहत का ध्यान रखना होगा। भाई-बहनों से मतभेद हो सकते हैं। नौकरीपेशा सावधानी रखकर चलें। भाइयों व साझेदारी के मामलों में संभलकर चलना होगा।
धनु राशि में सूर्य का गोचरीय भ्रमण आठवें भाव में होने से आपका स्वास्थ्य कुछ कमजोर रह सकता है। अचानक आपको धनहानि का सामना करना पड़ सकता है इसलिए धन का निवेश पूरी सतर्कता के साथ करें। इस समय आपके किसी महत्वपूर्ण कार्य में बाधा आ सकती है। पिता के स्वास्थ्य की चिंता रह सकती है। गुस्से पर काबू रख कटु भाषा का प्रयोग न करें। नौकरीपेशा संभलकर चलें।
मकर राशि में सूर्य का गोचरीय भ्रमण सप्तम भाव से होने से घर-परिवार में अशांति का वातावरण रह सकता है। आपके व्यवहार में बदलाव आ सकता है। वार्तालाप में कटुता देखने को मिल सकता है। इस दौरान अपको ध्यान रखना होगा। जीवनसाथी की चिंता रह सकती है। दैनिक व्यवसाय में कुछ कमी देखने को मिल सकती है।
कुंभ राशि में सूर्य का गोचरीय भ्रमण छठे भाव से होने से शत्रुपक्ष प्रभावहीन रहेंगे। वाद-विवाद, प्रतियोगी परीक्षा आदि में आपको सफलता मिलने की संभावना है। कानूनी मामलों में भी आपको आशानुरूप सफलता मिल सकती है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। खर्च अधिक रहने की संभावना है। साझेदारी में नुकसान होने की संभावना रहेगी।
मीन राशि में सूर्य का गोचरीय भ्रमण पंचम भाव से होने से संतान पक्ष में मिली-जुली स्थिति रहेगी। प्रेम संबंधित मामलों में सावधानी रखें। विद्यार्थी वर्ग अपनी पढ़ाई पर ध्यान देकर चलें। गुस्से को काबू में रखकर चलें। शत्रुपक्ष में सावधानी रखें। किसी भी प्रकार से वाद-विवाद से बचना होगा।
उपाय : सूर्यजनित दुष्प्रभाव से बचने हेतु इस मंत्र का जाप करें-
'ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:।।'
'ॐ घृणि सूर्याय नम:।।'
एक स्टील के कलश में पानी व थोड़ी मात्रा में दूध-मिश्री मिला जल सूर्य को प्रात: अर्घ्य दें।