Super moon 2024 : इस बार वर्ष 2024 का आखिरी सुपरमून 15 नवंबर को दिखाई देने वाला है। हमेशा से ही सूपरमून को लेकर सबसे ज्यादा जिज्ञासा रहती है, और इसकी खास वजह चांद का धरती के बेहद करीब होना है, इस दिन ऐसा प्रतित होता है जैसे हम हाथ बढ़ाकर चांद को छू ही लेंगे।
सुपरमून एक खगोलीय घटना है, जिसमें चांद या चंद्रमा, पृथ्वी के सबसे नजदीकी स्थिति में आ जाता है, और इसके परिणामस्वरूप धरती से चांद अपने दिखने वाले सामान्य आकार से अधिक बड़ा दिखाई देता है। इस बार सुपरमून आज रात्रि यानि भारतीय समयानुसार प्रातः 2 बजकर 58 मिनट पर पूर्ण होगा।
आइए जानते हैं नवंबर माह के आखिरी सुपरमून के बारे में रोचक जानकारी...
Highlights
सुपरमून क्या होता है?
साल 2024 का चौथा और आखिरी सुपरमून।
आसमान में दिखेगा 'सेवन सिस्टर्स' का अद्भुत नजारा।
Sevan Sisters होगा 2024 का आखिरी सुपरमून : इस बार का सुपरमून बेहद खास कहा जा रहा हैं, क्योंकि यह साल 2024 का आखिरी सुपरमून तो होगा ही, लेकिन इसकी खास बात यह है कि इस बार सुपरमून अपनी बहनों यानी सेवन सिस्टर (Sevan Sisters) को भी साथ लेकर आ रहा है। कहने का मतलब यह है कि बार 'बहनों' के साथ 'चंदा मामा' दिखाई देंगे, जो इस नजारे को बेहद दुर्लभ बना देगा।
सुपरमून किसे कहते हैं : आपने चांद को लेकर अलग-अलग तरह के कई शब्द सुने होंगे- जिनमें सुपरमून, पिंक मून, स्ट्रॉबेरी मून, ब्लू मून, रेड मून, वुल्फ मून आदि तो काफी मशहूर भी हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार 30 दिन में एक बार पूनम का चांद दिखता है, तो एक बार अमावस्या यानि जब चंद्रमा पूरी तरह से नहीं दिखता है, वह होती है। जब पूनम का चांद हो और साथ ही इसकी दूरी पृथ्वी से सबसे कम हो, तो ऐसी स्थिति को सुपरमून कहा जाता है।
जब धरती के चारों ओर चक्कर लगाने में चंद्रमा दूर जाता है तो उसको दूरस्थ बिंदु कहते हैं। जब चंद्रमा सबसे करीब होता है तो उसको निकटस्थ बिंदु यानी पेरिग्री कहते हैं। सबसे दूरस्थ बिंदु के मुकाबले निकट बिंदु पर चंद्रमा तकरीबन 14 फीसदी धरती के ज्यादा करीब होता है। अत: इस बार 15 नवंबर की रात दिन शनिवार को चंद्रमा धरती के सबसे करीब होगा, यानि इस दिन चंद्रमा सुपरमून होगा।
पूर्णिमा का चांद यानि चंद्रमा जब पृथ्वी के चारों ओर एक अंडाकार कक्षा में चक्कर लगाता है, तब इस स्थिति में वह कभी धरती की पास तो कभी दूर जाता है। इसी के साथ चंद्रमा अपनी धुरी इस तरह से चक्कर लगाता है कि इसका एक स्पिन या घूर्णन तब पूरा होता है, जब यह धरती का एक चक्कर लगा लेता है। वैज्ञानिक भाषा में इसको लॉक-इन मोशन कहते हैं। इस तरह की गति की वजह से चंद्रमा की कलाएं होती हैं और यह धरती से देखने पर घटता बढ़ता रहता है, जब पूर्ण चंद्र दिखता है तो इसको पूर्णिमा यानि पूनम का चांद कहते हैं।
नवंबर का सुपरमून होगा बीवर मून, जानें कब और कहां आएगा नजर? आपको बता दें कि नवंबर के इस सुपरमून को बीवर मून (Beaver Moon) कहा जाता है, क्योंकि इन दिनों बीवर यानि ऊदबिलाव आने वाली सर्दियों के लिए अपने लिए बिल बनाने में लग जाते हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2024 के 4 सुपरमून में से बीवर मून आखिरी है तथा यह सुपरमून 15 और 16 नवंबर रात्रि के दरम्यान भारत व एशिया के अधिकांश हिस्सों में दिखाई देगा।
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