प्रकृति अपने ढंग से भावी शुभाशुभ संकेत देती है। स्वप्न भी इसका माध्यम होते हैं। स्वप्नों के फलों की विवेचना के संदर्भ में भारतीय ग्रंथों में इनके देखे जाने के समय, तिथि व अवस्था के आधार पर इनके परिणामों का सूक्ष्म विश्लेषण किया गया है। आइए जानें स्वप्न फल के शुभ-अशुभ संकेत...
* उषाकाल में देखे गए स्वप्न का फल दस दिन में मिलता है।
* रात्रि के प्रथम, द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ प्रहर के स्वप्नों का फल क्रमशः एक वर्ष, आठ माह, तीन माह व छः दिन में मिलता है।
* शुक्ल पक्ष की द्वितीया, तृतीया व कृष्ण पक्ष की अष्टमी, नवमी को देखा गया स्वप्न विपरीत फल प्रदान करता है।
* शुक्ल पक्ष की षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी और दशमी तथा कृष्ण पक्ष की सप्तमी तथा चतुर्दशी तिथि को देखा गया स्वप्न शीघ्र फल देने वाला होता है।