कन्या राशि का वार्षिक भविष्यफल 2016

कन्या राशि के जातकों को वर्ष की शुरुआत में आर्थिक स्तर पर सतर्क रहना चाहिए। व्यापार में साझेदारी सोच-समझकर करें। अगर कहीं पैसा निवेश करना चाहते हैं तो भी समय अनुकूल नहीं है। वर्ष के उत्तरार्द्ध में निवेश का निर्णय लें। इस पूरे वर्ष पैसों के मामलों में पूरी तरह सतर्कता बरतें।
 


 
 
कैसी रहेगी पढ़ाई और करियर : यह वर्ष कन्या राशि के छात्रों के लिए अत्यंत शुभ साबित हो सकता है। परीक्षा के परिणाम अनुकूल होंगे। पूरे साल सितारे आपके साथ हैं, मन लगाकर तैयारी करने से परिणाम मनमाफिक होंगे। विदेश जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने वालों के लिए योग बहुत शुभ है।
 
जो लोग नौकरी की तलाश में हैं और करियर शुरू करना चाहते हैं, उन्हें सफलता अवश्य मिलेगी। मीडिया या कला के क्षेत्र में कार्यरत लोगों को लाभ हो सकता है। इस पूरे वर्ष नौकरी में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। वरिष्ठ सहयोगियों का साथ मिलेगा। वर्ष के अंत में पदोन्नति के भी योग हैं। व्यापार से जुड़े व्यक्तियों के लिए व्यवसाय संबंधित विदेश यात्रा होने का प्रबल योग बन रहा है।
 
कैसा रहेगा परिवार का हाल : इस वर्ष कन्या राशि के जातकों को पारिवारिक स्तर पर थोड़ा परेशान होना पड़ सकता है। जीवनसाथी के साथ वाद-विवाद से बचने का प्रयास करें अन्यथा रिश्तों में दरार पड़ सकती है। आपसी मतभेद को बातचीत से ठीक करने का प्रयास करें। 

कैसा रहेगा प्रेम और दांपत्य जीवन, अगले पन्ने पर... 
 
 

 


कैसा रहेगा प्रेम और दांपत्य जीवन : यह वर्ष प्रेम के मामले में बेहद आशावान होगा। प्रेम-संबंधों की शुरुआत तथा विवाह के लिए यह वर्ष बहुत ही अच्छा है। जो लोग पहले से ही प्रेम बंधन में बंधे हुए हैं उनके लिए भी यह साल प्यार में सफलता पाने वाला साबित हो सकता है। हालांकि प्रेमी या जीवनसाथी के संदेही व्यवहार के कारण रिश्ते खराब हो सकते हैं, परंतु आपसी बातचीत से इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है। 
 
कैसी रहेगी सेहत : इस वर्ष स्वास्थ्य एक चिंता का कारण बन सकता है। मानसिक तनाव तथा शारीरिक परेशानियों से भी गुजरना पड़ सकता है। हालांकि सात्विक आहार और नियमित योग करने से इन परेशानियों से निजात मिल सकती है। वर्ष के उत्तरार्द्ध में स्वास्थ्य में वांछित सुधार होना आरंभ हो जाएगा।
 
अगले पन्ने पर कन्या राशि के जातकों के लिए ग्रह शांति के विशेष उपाय...
 
 

कन्या राशि के जातकों के लिए ग्रह शांति के विशेष उपाय : 


 

गुरु की शांति के लिए द्विज, देव, ब्राह्मण, बुजुर्ग, गुरु व मंदिर के पुजारी की सेवा-सुश्रुषा करें। पीली दाल, केला व बेसन की मिठाई मंदिर में दान करें। गुरुवार का व्रत करें। 

 
 

वेबदुनिया पर पढ़ें