महाशिवरात्रि पर देश के सारे मंदिरों में युवाओं की भीड़ लगी है। ये युवा मॉडर्न हैं, एडवांस हैं, स्टाइलिश हैं लेकिन भक्ति का रस भी उन्हें उतना ही अट्रैक्ट करता है जितने इनोवेशन्स। पंडितों का कहना है कि भोलेनाथ तुरंत खुश होने वाले भगवान हैं। वे थोड़ी सी पूजा से प्रसन्न हो जाते हैं, इसीलिए उन्हें आशुतोष भी कहा जाता है। आशु यानी तत्काल और तोष यानी प्रसन्न। यही कारण है कि भगवान शिव को युवा वर्ग विशेष पसंद कर रहा है।
सबसे स्पेशल कारण है कि जन्मों-जन्मों तक शिवजी ने पार्वती को ही अपने जीवनसाथी के रूप में स्वीकार किया था। आज जबकि वेलेंटाइन से लेकर ब्रेकअप डे तक सेलिब्रेट हो रहे हैं ऐसे में हर युवा चाहता है उसका जीवनसाथी कमिटेड हो और बस उसी का हो। उसका रिलेशनशिप बना रहे।
यही वजह है कि शिव भगवान बैचलर्स के फेवरेट बन गए हैं। यहाँ तक कि सृष्टि का सबसे पहला लव मैरिज करने का क्रेडिट भी भगवान शिव को ही जाता है। अत: वेलेंटाइन डे के पहले आई इस शिवरात्रि पर लवर्स भी अपनी लव-विश शंकर जी को ही बता रहे हैं। कई प्रेमियों ने शिवरात्रि का फास्ट भी रखा है।
इन दिनों एक्जाम सिर पर है। सारी तैयारी होने के बाद भी एक फोबिया बना रहता है। ऐसे में भोलेभाले शिवशंकर युवाओं को भा रहे हैं। शिव मंदिरों में इनोसेंट स्टूडेंट्स धूप में घंटों लाइन में लगकर दर्शन कर रहे हैं। भारत के युवाओं की खासियत है कि जब भी किसी मंदिर या धार्मिक जगह के सामने से गुजरते है तो सिर अपने आप झुक जाता है। इस बदलती दुनिया में भी हमारे युवाओं में कुछ है जो अभी तक नहीं बदला।