How the moon originated: दुनिया चांद पर चली गई है। मतलब कि दुनिया के कुछ देशों ने चांद पर अपने मानव रहित यान उतार दिए हैं। इस मामले में भारत एक कदम आगे बढ़ गया है। चंद्रयान 3 के तहत भारत चंद्रमा के दक्षिण भाग पर अपना रोवर उतारेगा करीब 06 बजकर 4 मिनट पर। आओ जानते हैं चंद्रमा क्या कहता है विज्ञान।
सौरमंडल का 5वां सबसे विशाल प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक है।
पृथ्वी से लगभग 3,84,365 किलोमीटर दूर है चंद्रमा।
चंद्रमा की धरातल असमतल है और इसका व्यास 3,476 किलोमीटर है तथा द्रव्यमान, पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग 1/8 है।
पृथ्वी के समान इसका परिक्रमण पथ भी दीर्घ वृत्ताकार है।
सूर्य से परावर्तित इसके प्रकाश को धरती पर आने में 1.3 सेकंड लगता है।
चन्द्रमा, पृथ्वी की 1 परिक्रमा लगभग 27 दिन और 8 घंटे में पूरी करता है और इतने ही समय में अपने अक्ष पर एक घूर्णन करता है। यही कारण है कि चन्द्रमा का सदैव एक ही भाग दिखाई पड़ता है।
चंद्रमा लगभग 4.5 करोड़ वर्ष पूर्व धरती और थीया ग्रह (मंगल के आकार का एक ग्रह) के बीच हुई भीषण टक्कर से जो मलबा पैदा हुआ, उसके अवशेषों से बना था।
यह मलबा पहले तो धरती की कक्षा में घूमता रहा और फिर धीरे-धीरे एक जगह इकट्टा होकर चांद की शक्ल में बदल गया।
अपोलो के अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा लाए गए पत्थरों की जांच से पता चला है कि चंद्रमा और धरती की उम्र में कोई फर्क नहीं है।
इसकी चट्टानों में टाइटेनियम की मात्रा अत्यधिक पाई गई है।