जप संख्या- 10,000 (10 हजार)।
(कलियुग में 4 गुना जाप एवं दशांश हवन का विधान है।)
दान सामग्री- लाल वस्त्र, गुड़, मूंगा, लाल पुष्प, तांबा, रक्त चंदन, मसूर की दाल।
दान का समय- सूर्योदय से 2 घटी छोड़ शेष पूरा दिन।
हवन हेतु समिधा- खैर।
औषधि स्नान- रक्त चंदन, लाल पुष्प, जटामांसी, हींग मिश्रित जल से।
* मंगलवार को किसी से भेंट स्वीकार न करें।
* मंगलवार को हनुमानजी को सिंदूर अर्पण कर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
* लाल वस्त्रों का प्रयोग न करें।
* मंगल यंत्र को ताम्रपत्र या स्वर्ण पत्र पर उत्कीर्ण करवाकर नित्य पूजा करें।