सभी कष्टों का निवारण करे हनुमानजी की आराधना

परंपरागत रूप से हनुमान को बल, बुद्धि, विद्या, शौर्य और निर्भयता का प्रतीक माना जाता है। संकट काल में हनुमानजी का ही स्मरण किया जाता है। वह संकटमोचन कहलाते हैं।

कहजाति बजरंग बली ने शनि महाराज को कष्टों से मुक्त कराया था, उनकी रक्षा की थी इसलिए शनि देवता ने यह वचन दिया था हनुमानजी की उपासना करने वालों को वे कभी कष्ट नहीं देंगे। बल्कि कष्टों को दूर कर उनकी रक्षा करेंगे।

शनि या साढ़ेसाती की वजह से होने वाले कष्टों के निवारण हेतु हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए। बजरंग बली की पूजा से शनि का प्रकोप शांत होता है। सूर्य व मंगल के साथ शनि की शत्रुता व योगों के कारण उत्पन्न कष्ट भी दूर हो जाते हैं।

कैसे करें बजरंग बली की उपासना :-

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* मंगलवार को सूर्योदय के समय नहाकर ॐ श्री हनुमते नमः मंत्र का जप करें।


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* मंगल को सुबह तांबे के लोटे में जल व सिंदूर मिश्रित कर श्री हनुमानजी को अर्पित करें।


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* श्री हनुमान यंत्र को सिद्ध कर लाल धागे में धारण करें, हर मंगलवार को इसका विधिवत पूजन करें।

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* लगातार दस मंगलवार तक श्री हनुमान को गुड़ का भोग लगाएं।

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* शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार से यह क्रिया शुरू करें।

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* हर मंगलवार को श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।

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* चित्रा या मृगशिरा नक्षत्रों में किसी भी मंगलवार से शुरू कर लगातार 10 मंगलवार तक श्री हनुमान के मंदिर में जाकर केले का प्रसाद चढ़ाएं।

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* चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर श्री हनुमान को अर्पित करें। यह उपाय मंगलवार के दिन करने से शीघ्र सफलता मिलती है।







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