भैरव जी को भगवान शिव का स्वरूप माना गया हैं। जो व्यक्ति किसी भी तरह के टोने-टोटके, तंत्र-मंत्र के प्रयोग, व्यापार में हानि, जीवन में आने वाली कठिनाइयां और शत्रु पक्ष से होने वाली परेशानियां तथा जीवन की किसी भी तरह की समस्या से ग्रसित है तो उस व्यक्ति को भैरव स्तुति का पाठ अवश्य करना चाहिए।