पौराणिक शास्त्रों के अनुसार पुरुषोत्तम (अधिक) मास में भगवान श्रीहरि व शिव जी, रामभक्त हनुमान का पूजन करना अत्यंत फलदायी है। अक्षय पुण्य की प्राप्ति तथा जीवन के समस्त पीड़ा, कष्टों तथा परेशानियों से मुक्ति के लिए पुरुषोत्तम मास में निम्न एक मंत्र का निरंतर स्मरण करना चाहिए।
गोकुलोत्सवमीशानं गोविन्दं गोपिकाप्रियम्।।
इसके साथ ही पूजा, हवन, कथाओं का श्रवण तथा दान करना भी लाभकारी माना गया है तथा धार्मिक तीर्थस्थलों पर जाकर स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति और अनंत पुण्यों की प्राप्ति होती हैं।