4. ॐ पितृ दैवतायै नम: (108 बार) ।
इनका प्रयोग कर पितरों को प्रसन्न कर समस्याओं से निजात पाई जा सकती है। ब्राह्मण भोजन के लिए ब्राह्मण को बैठाकर पैर धोएं तथा भोजन कराएं। संकल्प पहले लें तथा ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें, वस्त्रादि दें। यदि शक्ति सामर्थ्य हो तो गौ-भूमि दान दें। न हो तो भूमि गौ के लिए द्रव्य दें। इनका भी संकल्प होता है।