धनु-आजीविका और भाग्य
धनु राशि के जातक वकालत, संपादन, टाइपिस्ट, प्रसारण अभियन्ता, जनसंपर्क, तकनीशियन तथा शारीरिक शिक्षा के शिक्षक के पेशे इनके लिए उपयुक्त सिद्ध होते हैं। प्रकाशक के रूप में इन्हें बहुत सफलता मिलती है। लेखन भी अच्छी ख्याति तथा धन देता है। इस राशि के लोग अभिनेता भी हो सकते हैं। राजनीतिज्ञ, मंत्री, नेता अथवा व्यवस्थापक के कार्य को भली-भांति कर सकते हैं। ये वेदान्ती, ज्योतिष, कानूनज्ञ, शिक्षक या कलाकार होने पर उस दिशा में कामयाबी हासिल कर लेते हैं। इनमें संगठन तथा नेतृत्व करने की अद्भुत शक्ति होती है। ये लोग शास्त्रस्त्र के प्रयोग में निपुण होते हैं। अतः सेना में काम करने पर इन्हें बहुत यश तथा सफलता प्राप्त हो सकती है। किसी के अधीन रहकर काम करने में ये स्वयं को असमर्थ अनुभव करते हैं। उत्तर-पूर्व या दक्षिण दिशा में जिस मकान का मुख्य द्वार हो, ऐसा मकान सुखकर होता है अथवा मकान के पिछवाड़े मैदान हो या दो-तीन मंजिलों का मकान हो तो वह भी सुखकारी होता है। सामान्यतः धनु राशि वालों के लिए यात्रा, कानून तथा प्रकाशन के कार्य आजीविका के उपयुक्त साधन सिद्ध होते हैं। इस राशि वालों को आत्म प्रकाशन के लिए विकास चाहिए। ये विवरणों से बोझिल नहीं होना चाहते। इस राशि को 14 से 21 वर्ष तक, 35 से 42 वर्ष तक तथा 56 से 63 वर्ष की आयु के बीच अपने स्वास्थ्य के संबंध में विशेष सावधान रहना चाहिए। 28 से 35 तथा 42 से 49 की आयु का समय इनके लिए सर्वश्रेष्ठ रहता है। 57 से 63 वर्ष की आयु के बीच या तो इनका पहले से अधिक भाग्योदय होता है अथवा फिर जीवन कष्टमय हो जाता है।