शनि जयंती पुण्य दिन, साधक करें विचार, कर्म सुधारो स्वयं के, हो भव सागर पार। न्याय संग शनि देवता, पावन इनका नाम कर्मों से ये न्याय दें, इनका अद्भुत काम।...
शनिदेव के जन्म से जुड़ी कथा अत्यंत रोचक और शिक्षाप्रद है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, शनिदेव भगवान सूर्यदेव और उनकी पत्नी छाया के पुत्र हैं। सूर्यदेव की...
एक गांव एक बड़ी और पवित्र नदी के किनारे बसा था। गांव के लोग नदी को 'जल देवता' मानते थे और उसका सम्मान करते थे। लेकिन जैसे-जैसे गांव बड़ा होता गया, लोगों...
एक औद्योगिक शहर था, जहां हवा हमेशा धुएं और रसायनों से भरी रहती थी। फैक्ट्रियां चौबीसों घंटे चलती थीं, और उनके चिमनियों से निकलने वाला ज़हर पूरे शहर पर...
सुबह की शुरुआत अगर चाय से न हो, तो लगता है सूरज भी किसी कॉर्पोरेट में काम करता है और देर से उठ रहा है। घर में बर्तन भले चमकें न, गैस भले खत्म हो जाए लेकिन...
ऊंचे-ऊंचे हिमखंडों से घिरा एक छोटा शहर था। पहाड़ों की गोद में बसे इस शहर में पर्यटन फल-फूल रहा था। लेकिन पर्यटकों और स्थानीय लोगों की बढ़ती संख्या के कारण,...
एक था गांव, जहां कभी हरियाली अपने चरम पर थी। नदियां कलकल करती बहती थीं, पेड़ फलों से लदे रहते थे। पर धीरे-धीरे लालच हावी होता गया। मनुष्यों ने अधिक फसल,...
तकनीकी क्रांति, इंटरनेट और सोशल मीडिया ने मानव जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है- संवाद, व्यवहार, संवेदना, विचार और अभिव्यक्ति के पारंपरिक रूपों को भी।...
तुम न कोई प्रसिद्धि, न कोई मंच, पर फिर भी मेरे भीतर की सबसे पूर्ण कविता। तुम्हारी सादगी किसी छंद की नहीं, एक अनुभूति की तरह
हर दिन मेरे भीतर उतरती रही।...
जब पहली बार प्रकाश फूटा, और समय ने चलना सीखा उससे पूर्व जो था, और उसके पश्चात भी जो रहेगा, वही आप हो महाकाल। मैंने समय को थमते देखा, क्षण को विलीन होते...
विराट कोहली का व्यक्तित्व दो छोरों पर एक साथ विचरण करता है- विनम्रता और आक्रामकता। मैदान पर उनका जोश, विरोधी को आंखों में आंखें डालकर जवाब देना और हर रन...
तुम आये, जैसे एक लंबे सूखे के बाद, पहली बार धरती पर बादल फूट पड़े हों। मैं हरा हुआ अपने ही भीतर। उस क्षण, मैंने समय को रुकते देखा
घड़ियां सांसें लेने...
मैंने तुम्हें पाया नहीं, पर खो भी नहीं सका क्योंकि तुम वो स्पर्श थीं
जो छू लेने के बाद भी अधूरी ही रह जाती हैं। तुम्हारा जाना कोई विदाई नहीं था, वह तो...
भीड़ में भी क्यों, दिखती है दूरी। अपनों को अपना कहना है भारी। शब्दों के धागे, रिश्तों की माला पर मन के भीतर, दिखता है हाला। मुश्किल घड़ी में सब, मोड़ते है...
नारी का अभिमान है, मांग भरा सिंदूर। यदि संकट में आ गया, सब खुशियां काफ़ूर। सब खुशियां काफ़ूर, इसे गर नहीं बचाया। जीवन होगा व्यर्थ, व्यर्थ यह नर की काया।...
पहलगाम की घाटी अब भी सिसक रही थी मासूम लहू की गंध घास में नहीं, धरती की आत्मा में उतर चुकी थी। वे आए थे बेखौफ, बेवजह और लौट गए
निर्दोष लाशों की छाया छोड़कर।...
तृतीया का पावन दिवस, शुभ मुहूर्त सुख धाम। दान पुण्य का पर्व है, सकल सुमंगल नाम। सकल सुमंगल नाम, पितर को भोग लगाओ। लक्ष्मी का है धाम, धान्य धन सब कुछ पाओ।...
धूप की पहली किरण, उजागर करती अनगिनत चेहरे, जो झुकते हैं धरती पर, उठाते हैं भार, बनाते हैं राहें। हाथों में खुरदरापन, धमनियों में बहता पसीना, आंखों में...
परशुराम प्रभु नाम है, शक्ति शौर्य का रूप। विप्र शिरोमणि आप हैं, भार्गव वंश अनूप।। पिता जमदग्नि सुत प्रबल, मात रेणुका लाल। फरसा कर में धारते, तेज प्रचंड...
लो कर दिया सब कुछ विदा अब यादें तुम्हारी, प्रेम अपना, आज से विस्मृत किया सब। शून्य पथ के मौन तारों में तुम्हीं थे। मौज जीवन की बहारों में तुम्हीं थे। हृदय...