वहीं, श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने भी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा जिस बात को वह अदालत के आदेश से पहले कह चुके हैं कि सुप्रीम कोर्ट का जो आदेश होगा, हम सभी उसको मानेंगे। उसी बात पर अगर सुन्नी सेंट्रल बोर्ड का कायम है तो यह अच्छी बात है।
कोर्ट का आदेश किसी पक्ष में नहीं होता है। कोर्ट का आदेश न्याय होता है। न्यायसंगत होने से हिंदू पक्ष ने इसको मान लिया है और मुस्लिम पक्ष को भी मान लेना चाहिए, जो लोग पुनर्विचार याचिका दायर करने का विचार कर रहे हैं, वह गलत है।
सुन्नी सेंट्रल बोर्ड ने जो कहा है उसको मानना चाहिए। वक्फ बोर्ड इस मामले में पक्षकार था। वहीं समाजसेवी व राम जन्मभूमि आंदोलन में सक्रिय रहे बबलू खान ने कहा की हमारे मुस्लिम भाइयों को दरियादिली दिखाते हुए उन्हें मिलने वाली जमीन को भी राम जन्मभूमि के निर्माण के लिए भगवान श्रीराम को उपहार में दे देना चाहिए, जिससे सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल कायम हो सके। उन्होंने कहा कि मुस्लिम आबादी में जमीन लेकर मस्जिद का निर्माण कराया जाए।