Ayodhya Ram mandir news : श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पर राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का पूजन मंगलवार को शुरू हुआ। अनुष्ठानों का क्रम 22 जनवरी तक चलता रहेगा। प्रायश्चित एवम कर्मकुटी पूजन के साथ धार्मिक अनुष्ठानों का दौर प्रारंभ हुआ। इस प्रायश्चित पूजा को 121 ब्राह्मण सम्पन्न कराएंगे। प्रायश्चित पूजन के समाप्त होने के बाद कर्मकुटी पूजन भी किया जाएगा।
क्या होती है प्रायश्चित पूजा : प्रायश्चित पूजा पूजन की वह विधि होती है, जिसमें शारीरिक, मानसिक और बाह्य तरीके का प्रायश्चित किया जाता है। बाह्य प्रायश्चित के लिए यजमान को 10 विधि स्नान करना होता हैं। इसमें पंच द्रव्य और कई सामग्री से स्नान किया जाता है। एक और प्रायश्चित गोदान भी होता है और संकल्प भी होता है। इसमें यजमान गोदान के माध्यम से प्रायश्चित करता है। द्रव्य दान से भी प्रायश्चित किया जाता है। इसमें स्वर्ण दान भी शामिल है।
कौन करता है प्रायश्चित पूजा : प्रायश्चित पूजा सामान्य पंडित नहीं करते हैं। इसे यजमान द्वारा किया जाता है। इस पूजन के पीछे की मूलभावना यह है कि जाने अनजाने में जीतने भी तरीके के पाप हुए हैं उनका प्रायश्चित किया जाए। इसे एक प्रकार का शुद्धिकरण माना जाता है। किसी भी प्रकार की गलतियों की क्षमा मांगने के लिए प्रायश्चित के रूप में यह पूजा की जाती है। इस पूजा में डेढ़ से 2 घंटे का समय लगता है।
प्राण प्रतिष्ठा के लिए भगवान राम जी की मूर्ति का 11 तरह से कर अधिवास होगा। 18 जनवरी की संध्या में तीर्थ पूजन एवं जल यात्रा, जलाधिवास एवं गंधाधिवास अनुष्ठान रखा गया है। 19 जनवरी की सुबह औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास और सांयकाल में धान्याधिवास कार्यक्रम होंगे, 20 जनवरी की सुबह शर्कराधिवास, फलाधिवास, एवं सांध्यकाल में पुष्पाधिवास अनुष्ठान होगा। 21 जनवरी प्रातः बेला में मध्याधिवास, सायंकाल शव्याधिवास् अनुष्ठान होने जा रहे है।
प्राण प्रतिष्ठा धार्मिक अनुष्ठान के बाद 70 मिनट का समय यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के संदेश के लिए निर्धारित किया गया है। इस अद्वितीय पल के लिए प्रयासरत् श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास भी अपने उद्गार प्रकट करेंगे।
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए 8000 कुर्सियों की व्यवस्था की गई है। आमंत्रित अतिथियों को 22 जनवरी में 10.30 प्रातः तक रामजन्मभूमि पर प्रवेश करना होगा। इस अलौकिक पल को यादगार बनाने के लिए देश के विभिन्न राज्यों से आये 25 दुर्लभ वाद्य यंत्रों द्वारा मंगलाचार ध्वनि रामलला प्राण प्रतिष्ठा को चार चांद लगा देंगी।