Ram Mandir Ayodhya: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण आंदोलन में विवादित ढांचे पर सबसे पहले भगवा लहराने वाले और 1990 में राम मंदिर आंदोलन के दौरान हुए गोलीकांड में शहीद हुए कोठरी बंधुओं- रामकुमार और शरद की छोटी बहन पूर्णिमा कोठरी ने रामलला की भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर प्रसन्नता जताई। उन्होंने कहा कि सभी रामभक्तों का सपना साकार हुआ।
पूर्णिमा कोठारी ने वेबदुनिया से बातचीत में कहा कि सबसे पहले मैं देशवासियों को बधाई देना चाहूंगी कि रामलला अपने भव्य दिव्य मंदिर में प्रतिष्ठित हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि 500 वर्षों का लंबा इतिहास है। मैं इस संघर्ष से जुड़ी हूं मेरे भाइयों के माध्यम से, जिन्होंने राम मंदिर के लिए बलिदान दिया। मैं घरेलू लड़की थी, इसलिए मुझे उतनी समझ नहीं थी। मैं बाहर नहीं जाती थी। वे लगातार कार्य कर रहे थे, चाहे वो 89 का रामशिला पूजन हो या 1990 में राम ज्योति पूजन हो। करसेवा का जो आह्वान हुआ उसमें भी उन दोनों ने अपना नाम आगे किया, जबकि संगठन ने बोला था कि एक ही व्यक्ति जाएगा, एक घर से पर फिर भी वे दोनों नहीं माने। उन्होंने अपने तर्कों से उन्हें रोक दिया, फिर संगठन भी मान गया।