उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर आया बड़ा अपडेट, भारत निर्वाचन आयोग ने क्या कहा

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शुक्रवार, 1 अगस्त 2025 (00:17 IST)
भारत चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल को अंतिम रूप दे दिया है। यह चुनाव जगदीप धनखड़ के पद से इस्तीफा देने के कारण आवश्यक हो गया है। आयोग ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य, मनोनीत सदस्य और लोकसभा के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं।
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निर्वाचन आयोग ने एक बयान में कहा कि उसने 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल की सूची को अंतिम रूप दे दिया है। इसने कहा कि निर्वाचक मंडल की सूची अधिसूचना की तारीख से निर्वाचन आयोग कार्यालय में स्थापित एक काउंटर पर खरीदने के लिए उपलब्ध होगी, जिसकी घोषणा जल्द ही होने की संभावना है।
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धनखड़ ने अपने कार्यकाल की समाप्ति से लगभग दो साल पहले, 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल 10 अगस्त, 2027 तक के लिए था। संविधान के अनुच्छेद 68 के खंड दो के अनुसार, उपराष्ट्रपति के निधन, त्यागपत्र या पद से हटाए जाने या अन्य किसी कारण से होने वाली रिक्ति को भरने के लिए चुनाव ‘यथाशीघ्र’ कराया जाएगा।
 
रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति अपने ‘पदभार ग्रहण करने की तिथि से पांच वर्ष की पूर्ण अवधि तक’ पद धारण करने का हकदार होगा। अधिसूचना जारी होने के दिन (मतदान के लिए निर्वाचक मंडल को बुलाना) से मतदान के दिन तक 30 दिन की अवधि निर्धारित है। कोई व्यक्ति उपराष्ट्रपति के रूप में तब तक निर्वाचित नहीं हो सकता जब तक कि वह भारत का नागरिक न हो, 35 वर्ष की आयु पूरी न कर चुका हो और राज्यसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित होने के योग्य न हो।
 
आगामी चुनाव में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को स्पष्ट बढ़त हासिल है। 543 सदस्यीय लोकसभा में पश्चिम बंगाल के बशीरहाट की एक सीट रिक्त है, जबकि 245 सदस्यीय राज्यसभा में पांच रिक्तियां हैं।
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राज्यसभा की पांच रिक्तियों में से चार जम्मू-कश्मीर से और एक पंजाब से है। पंजाब की यह सीट पिछले महीने हुए उपचुनाव में राज्य विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजीव अरोड़ा के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। दोनों सदनों की प्रभावी सदस्य संख्या 782 है और जीतने वाले उम्मीदवार को 391 मतों की आवश्यकता होगी, बशर्ते सभी पात्र मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करें।
 
लोकसभा में, भाजपा के नेतृत्व वाले राजग को 542 सदस्यों में से 293 का समर्थन प्राप्त है। सत्तारूढ़ गठबंधन को राज्यसभा में 129 सदस्यों (प्रभावी सदस्य संख्या 240) का समर्थन प्राप्त है, बशर्ते कि मनोनीत सदस्य राजग उम्मीदवार के समर्थन में मतदान करें।
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सत्तारूढ़ गठबंधन को कुल 422 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। संविधान के अनुच्छेद 66 (1) में प्रावधान है कि उपराष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से होगा तथा ऐसे चुनाव में मतदान गुप्त मतदान द्वारा होगा। इस प्रणाली में मतदाता को उम्मीदवारों के नाम के सामने अपनी प्राथमिकताएं अंकित करनी होती हैं। भाषा Edited by : Sudhir Sharma 

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