बच्चे भी झेलते हैं युद्ध का दंश

मंगलवार, 5 जुलाई 2011 (14:12 IST)
BBC
अमेरिकी सैनिक जितने लंबे अरसे तक इराक और अफगानिस्तान में तैनात रहेंगे, उनके बच्चे उतनी ज्यादा मानसिक समस्याओं से ग्रसित होंगे।

सोमवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में ये बातें सामने आई हैं। ये रिपोर्ट 'आर्काइव ऑफ पिडियाट्रिक एंड एडोलसेंट मेडिसिन' में छपी है। ये रिपोर्ट सेना में नौकरी कर रहे है अभिभावकों के पांच से 17 सालों के तीन लाख से अधिक बच्चों पर हुए शोध पर आधारित है।

इस शोध में पाया गया कि जिन बच्चों के माता या पिता में से कोई एक, इराक या अफगानिस्तान में काम कर रहे हैं, उन बच्चों में से 17 प्रतिशत बच्चें मानसिक विकार से जूझ रहे हैं।

शोधकर्ताओं के मुताबिक जिन बच्चों के माता-पिता 2003 और 2006 के बीच इन देशों में काम कर रहे थे, उनकी स्थिति सबसे ज्यादा चिंताजनक है।

दूरगामी परिणाम : लड़कियों की तुलना में लड़के मानसिक समस्याओं से ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इस रिपोर्ट में उन मामलों का हवाला दिया गया है, जिनका सेना के अस्पतालों में इलाज किया गया है।

डॉक्टर स्टीफन कोज्जा मनोरोग विशेषज्ञ हैं। उनका मानना है कि बच्चों में इस तरह की समस्या के दूरगामी परिणाम हैं। उनका कहना है कि मां-बाप का इराक और अफगानिस्तान में तैनाती से वापस आना समस्या का खत्म हो जाना नहीं है।

कई बार सैनिक कठिन पोस्टिंग के बाद घर लौटते हैं और वे भी कई तरह की मानसिक उलझनों का शिकार होते हैं। इसका सीधा और गहरा असर उनके बच्चों पर भी पड़ता है जिससे बच्चों की मानसिक स्थिति और भी गंभीर हो जाती है।

वेबदुनिया पर पढ़ें