'चीन के साथ भारत ने बिल्कुल ठीक किया'

शुक्रवार, 28 जुलाई 2017 (11:35 IST)
- पवन वर्मा (भूटान में भारत के पूर्व राजदूत)
भारत और भूटान के बीच 2007 में हुई संधि सार्वजनिक है। इसमें भूटान और भारत के बीच रक्षा, सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में एक-दूसरे के हित में राय-मशविरा और समर्थन पर करारनामा हुआ है।
 
पहले अगस्त 1949 में भारत और भूटान के बीच संधि हुई थी। बाद में फरवरी 2007 में मित्रता संधि हुई। भूटान और भारत के बीच बहुत पुराने और घनिष्ठ दोस्ताना संबंध हैं। मैं वहां पर भारत का राजदूत रह चुका हूं और कह सकता हूं कि शायद भूटान हमारा हमेशा से परखा हुआ दोस्त है।
 
ये मामला वहां का है जहां सीमा अनिश्चित है। दो देशों के साथ चीन की सीमा अभी पूरी तरह निर्धारित नहीं हुई है। इनमें से एक भूटान और दूसरा भारत है। भूटान के डोकलाम भूभाग का रणनीतिक महत्व है। इसलिए चीन उसको शायद एकतरफा तरीक़े से कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहा है। भूटान उसको अपना क्षेत्र मानता है।
 
भारत का भी इसमें एक किरदार इसलिए है कि तीनों देशों के बीच में भी एक समझौता है कि जहां भी ट्राई जंक्शन होगा यानी जिस बिंदु पर तीनों देशों की सीमाएं तय होंगी, वो तीनों देशों के बीच बातचीत से ही तय होगी। चीन की इस एकतरफ़ा आक्रामक कोशिश का विरोध करना ज़रूरी है।
 
मुझे कहने की ज़रूरत नहीं है कि डोकलाम के नीचे चुंबी वैली है, जिसे हम चिकेन्स नेक कहते हैं, जो पूर्वोत्तर भारत का संपर्क मार्ग है। मैं समझता हूं कि भारत और भूटान के बीच जो संधि है, उसके मुताबिक़ भारत का अब तक का जवाब बिल्कुल सही कहा जाएगा। इसमें भारत के भी अपने निजी, रणनीतिक और बहुत अहम हित हैं।
 
मैं ये भी समझता हूं कि भूटान ने चीन से सही तरीक़े से कहा है कि हमारे बीच में बातचीत चल रही है। कई दौर हो चुके हैं जहां हम सीमा के प्रसंग में अपनी-अपनी बात रखते हैं। हमारे बीच में ये भी तय हो चुका है कि जब तक सीमा निर्धारित न हो, सीमा पर शांति बहाल रहनी चाहिए।
 
भूटान ने ये साफ कहा है और भारत इस बात का समर्थन करता है। चीन का रुख ये है कि आपको डोकलाम पर नहीं आना चाहिए लेकिन दुनिया जानती है और वस्तु-स्थिति ये है कि चीन घुस आया है भूटान की सीमा में। भूटान छोटा देश है लेकिन हर देश संप्रभु होता है।

दोनों देशों के बीच यानी भूटान-चीन के बीच और भारत-चीन के बीच ये समझौते अलग से हैं कि सीमा पर जब तक बातचीत चल रही है, तब तक विवादित सीमा पर शांति बहाल रहे। हम भूटान के समर्थन में खड़े हैं। जिस तरह से भी हम भूटान के समर्थन में खड़े हो सकते हैं हमें उसका प्रयास करना चाहिए।
 
(बीबीसी संवाददाता वात्सल्य राय से बातचीत के आधार पर)

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