India's deadliest scam : बीबीसी वर्ल्ड सर्विस की 'बीबीसी आई' टीम ने अपनी खुफ़िया पड़ताल के जरिए उन स्कैमरों का पर्दाफ़ाश किया है जो इंस्टैंट लोन ऐप के ज़रिए भारत के कई शहरों में लोगों को फंसाकर उन्हें ब्लैकमेल और जबरन वसूली करते हैं। इस पड़ताल में पता चला है कि साल 2020 से अब तक कम से कम 60 लोग इन ब्लैकमेलरों के हाथों अपमानित होने की वजह से आत्महत्या कर चुके हैं।
भारत में जबरन वसूली करने वाले लोन ऐप्स के बारे में पिछले कुछ सालों से आरोप लगते रहे हैं। बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री द ट्रैप ने ख़ुफ़िया कैमरों की मदद से दिखाया है कि स्कैम दरअसल किस तरह चलता है। इसमें यह भी दिखाया गया है कि कौन लोग इस तरीक़े से पैसे कमा रहे हैं।
इस डॉक्यूमेंट्री में नोएडा से चल रहे एक कॉल सेंटर के स्तब्ध करने वाले दृश्य दिखाए हैं, जिनमें लोन रिकवरी एजेंट डरे हुए कर्ज़दारों से अश्लील भाषा का इस्तेमाल करके लोन चुकाने के लिए धमकाते हैं। एक रिकवरी एजेंट कहती हैं, आप अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते कि हम लोगों को कितनी भयानक गालियां देते हैं, अगर आप सुन लें तो आपके कानों से ख़ून निकलने लगेगा।
लोन ऐप्स आसानी से कर्ज़ देने के लिए जाने जाते हैं लेकिन उनमें से कई ऐसे हैं जो लोगों के निजी डेटा, फ़ोटो, कॉन्टैक्ट लिस्ट वगैरह क्लोन कर लेते हैं और उनका इस्तेमाल लोगों को डराकर पैसे वसूलने के लिए करते हैं। नोएडा के कॉल सेंटर के एक मैनेजर ने डॉक्यूमेंट्री में बताया है, हर मोबाइल फ़ोन में कम से कम एक नंबर ऐसा होता है, जो उसकी ज़िंदगी को तबाह कर सकता है।
इस डॉक्यूमेंट्री में मुंबई की एक वकील भूमि सिन्हा की कहानी दिखाई गई है जो आसान लोन नाम के एक ऐप को डाउनलोड करने की वजह से आत्महत्या की कगार पर पहुंच गई थीं। उनके फ़ोन में मौजूद उनकी एक तस्वीर में एक पोर्न इमेज जोड़कर, उसे उनके कॉन्टैक्ट लिस्ट के सभी लोगों को भेज दिया गया था।
बीबीसी के रिपोर्टरों ने पता लगाया कि आसान लोन के पीछे परशुराम टाकवे नाम का एक व्यक्ति है जो लोन रिकवरी का काम करता है। वह कर्ज़ लेने वाले लोगों को नियमित तौर पर धमकाता और अपमानित करता है।
तेलंगाना में एक कर्ज़दार के आत्महत्या कर लेने के बाद पुलिस ने टाकवे को जबरन वसूली, धमकियां देने और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ़्तार किया। ज़मानत मिलने पर परशुराम टाकवे फ़रार हो गया। परशुराम टाकवे और आसान लोन ने बीबीसी के सवालों का जवाब नहीं दिया।
मामले की पूरी पड़ताल के बाद कंपनियों का एक नेटवर्क सामने आया, जिसमें कुछ कंपनियों को एक चीनी व्यवसायी हांगकांग से चलाता है। ख़ुफ़िया रिकॉर्डिंग में ली जिंयाग नाम के इस व्यक्ति को यह कहते हुए देखा और सुना जा सकता है कि वह भारतीयों के फ़ोन क्लोन करके, उन्हें धमकाकर पैसों की वसूली करता है।
ली जियांग ने ख़ुफ़िया रिकॉर्डिंग में कहा था, ये ऐसा होता है कि लोन लेने वाला इंसान हमारे सामने पूरी तरह से नंगा होता है। बाद में ली जियांग ने कहा कि उनकी कंपनी क़ानून के मुताबिक़ काम करती है, लोगों के कॉन्टैक्ट लिस्ट कॉपी नहीं करती है और उनसे जबरन वसूली नहीं करती है।
द ट्रैप में लोगों की पीड़ा वीडियो सबूतों के साथ दिखाया गया है कि यह स्कैम कितना गंभीर है जो पूरे भारत में बड़ी संख्या में लोगों को शिकार बना रहा है। इस डॉक्यूमेंट्री को बनाने में एक साल से भी अधिक का समय लगा है। इसे भारतीय रिपोर्टरों और फ़िल्म निर्माताओं ने बनाया है। इसे बनाने में अहम भूमिका पूनम अग्रवाल, रॉनी सेन, नुपूर सोनार और अंकुर जैन ने निभाई है। आप इस डॉक्यूमेंट्री को हिंदी में यहां देख सकते हैं--https://youtu।be/g376l_XVbCk?si=aPDfA7VQOOt1-NNA