प्रेमी ने चाकू मारा, बचाने वाले से प्रेम हुआ फिर शादी
गुरुवार, 19 जनवरी 2017 (10:58 IST)
मेलिसा डोमे बस 20 साल की थीं जब उनके पूर्व प्रेमी ने उन पर हमला किया था। चाकू के 32 घाव सहकर भी वो ज़िंदा रहीं। आगे चलकर मेलिसा को उस व्यक्ति से प्रेम हुआ जिसने उनकी जान बचाई। मैं कॉलेज में पढ़ती थी और एक स्थानीय अस्पताल में रिसेप्शन पर काम भी करती थी। मेरा सपना नर्स बनना था।
मैं रॉबर्ट बर्टन से प्रेम करती थी। वह बेहद ही आकर्षक, खुशनुमा और अच्छे स्वभाव का इंसान था। पर बाद में उसका स्वभाव बदल गया और वह ईर्ष्या करने लगा। मैं अपने आप से नफ़रत करने लगी, वह झूठ बोलता था, मुझे डांटता था और भड़क जाता था। मैंने उससे अलग होना चाहा, पर उसने धमकी दी कि ऐसा करने पर वह ख़ुदकुशी कर लेगा।
एक दिन उसने बहुत शराब पी ली थी, मैं उसे अपने घर ले गई। मैंने ज्यों ही दरवाजा बंद किया, उसने मुझे पीटना शुरू कर दिया। मैंने पुलिस में शिकायत की और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। मैंने समझ लिया कि मुझे उससे निजात मिल गई। कुछ महीनों तक उसने मेरी खोज खबर नहीं ली तो मैंने मान लिया कि वह मुझे भूल गया है।
उसने 24 जनवरी, 2012 को मुझे फोन पर कहा कि वह मामले को रफ़ा दफ़ा करना चाहता है और मुझे अंतिम बार अपनी बांहों में भर लेना चाहता है। मुझे ऐसा लगा कि कुछ गड़बड़ है। पर मैं उसस मिलने गई, साथ में काली मिर्च वाली स्प्रे और मोबाइल फोन लेती गई।
ज्योंही मैं उससे मिली, उसने उस्तरा निकाल लिया और मुझ पर हमलों की बौछार कर दी। मैं उससे जूझती रही। मैंने उसके हाथ में दांतों से काटा, मुक्के मारे, धक्के दिए और चिल्लाई। मैं ज़मीन पर गिर पड़ी, काफी खून बहा।
मैं चिल्लाई तो उसने समझ लिया कि पुलिस पंहुचने ही वाली है। वह मुझे मार डालना चाहता था, लिहाजा उसने और बड़ा चाकू निकाल लिया और मुझ पर और तेज़ी से हमले करने लगा। मैं मौत के कगार पर पंहुच गई। मैं अस्पताल में लंबे समय तक भर्ती रही। मुझे 12 बोतल ख़ून चढ़ाया गया। लेकिन मैं बच गई और यह एक चमत्कार ही था।
तब मुझे लगा था कि मैं अब कभी प्रेम नहीं कर पाऊंगी लेकिन मुझे प्रेम हुआ। मैं जब थोड़ी ठीक हो गई तो मैं उस इमरजेंसी टीम से मिलने गई जिसने मेरी जान बचाई थी इस टीम में कैमरन नाम का एक शख्स था।
कैमरन ने मुझे और मेरी मां को रात के खाने पर बुलाया। उसने अपना फोन नंबर भी मुझे दिया। मैंने एक हफ्ते बाद उससे मुलाकात की और उसे एक 'थैंक्यू कार्ड' दिया। मैंने समझा कि बात बस इतनी सी है, पर हम दोनों उसके बाद छह घंटे तक बाद करते रहे। फिर मुझे लगा कि कुछ तो खास है। इसके बाद हम लोग कई बार मिले, बारबेक्यू में, शूटिंग रेंज में।
मैंने नर्सिंग की पढ़ाई छोड़ दी और बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन पढ़ने लगी। लेकिन इस बीच हम लोग मिलते रहे। टाम्पा बे रेज के बेसबॉल कोर्ट में मुझे हिंसक रिश्तों पर बोलने के लिए बुलाया गया। वहां कैमरन भी पंहुच गया। उसने वहीं मुझसे पूछ लिया कि क्या मैं उससे शादी कर सकती हूं।
यह मेरे जीवन का सबसे अद्भुत क्षण था। मैं बिल्कुल अवाक हो गई। मुझ लगा मानो मैं चांद पर हूं। जाहिर है, मैंने उसके प्रस्ताव को मान लिया। उसने मुझे एक बेहद सुंदर हीरे की अंगूठी भेंट की। कुछ ही महीने बाद हमने शादी कर ली। हमारी शादी में वे तमाम लोग मौजद थे, जिन्होंने मुझे बचाने और इलाज करने में मदद की थी। आज मैं बहुत खुश हूं। मेरा मानना है कि एक हमले से यह तय नहीं हो सकता कि मैं जीवन में क्या हूं।