अमेरिका ने तीन पाकिस्तानी चरमपंथियों पर रखा 70 करोड़ का इनाम
शुक्रवार, 9 मार्च 2018 (11:06 IST)
- इरम अब्बासी (वॉशिंगटन)
अमेरिका ने चरमपंथी संगठन तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान यानी टीटीपी के नेता मौलाना फ़जुल्लाह पर 50 लाख डॉलर यानी करीब 32 करोड़ रुपये का इनाम रखा है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा है कि फ़ज़ुल्लाह के अलावा अब्दुल वली और मंगल बाघ के बारे में जानकारी देने वाले को तीस-तीस लाख अमेरिकी डॉलर यानी 19-19 करोड़ रुपये से अधिक का इनाम दिया जाएगा।
अमेरिकी विदेश विभाग ने न्याय के लिए इनाम (आरएफ़जे) कार्यक्रम के तहत इन इनामों की घोषणा की। घोषणा के अनुसार इन चरमपंथियों के बारे में जानकारी देने और उनके ठिकाने का पता बताने वाले को इनाम की ये रकम दी जाएगी।
अमेरिका की तरफ़ ये घोषणा उस वक़्त हुई है जब पाकिस्तान की शीर्ष राजनयिक और विदेश सचिव तहमीना जंजुआ दो दिन की यात्रा पर वॉशिंगटन में हैं। हाल ही में अमेरिका और उसके सहयोगी देश पेरिस में हुई फ़ाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स की बैठक में पाकिस्तान को चरमपंथियों संगठन को आर्थिक मदद करने वाले देशों की सूची में शामिल करवाने में कामयाब रहे थे।
इस फ़ैसले के बाद अमेरिका की यात्रा पर आने वाली जंजुआ पाकिस्तान की पहली वरिष्ठ राजनयिक हैं। तो आख़िर कौन हैं ये चरपंथी जिनके ख़िलाफ़ ट्रंप प्रशासन ने इतनी बड़ी इनामी रकम का एलान किया है।
मौलाना फ़जुल्लाह
मौलाना फ़जुल्लाह को साल 2013 में तहरीक़ ए तालिबान पाकिस्तान का प्रमुख नियुक्त किया गया था। फ़ज़ुल्लाह को 16 दिसंबर 2014 को पेशावर के आर्मी स्कूल में हमले का मास्टर माइंड माना जाता है। इस हमले में 131 छात्रों समेत 151 लोगों की मौत हो गई थी।
इसके अलावा फ़ज़ुल्लाह को जून 2012 में 17 पाकिस्तानी सैनिकों का सिर काटने और नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफ़ज़ई पर हमले के लिए भी ज़िम्मेदार माना जाता है। अमेरिकी सरकार ने इस पाकिस्तानी चरमपंथी पर 50 लाख डॉलर का इनाम रखा है। भारतीय मुद्रा में ये रकम तकरीबन 32 करोड़ रुपये बैठती है।
अब्दुल वली
अब्दुल वली चरमपंथी संगठन जमात उल अहरार (जेयूए) के प्रमुख हैं। जेयूए तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान से अलग हुआ चरमपंथी संगठन है। जेयूए पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सक्रिय है। वली ने पाकिस्तान में कई आत्मघाती हमलों की ज़िम्मेदारी ली है।
मार्च 2016 में लाहौर में आत्मघाती हमले के पीछे भी अब्दुल वली का ही हाथ माना जाता है। इस हमले में 75 लोगों की मौत हो गई थी और 340 अन्य लोग घायल हो गए थे। जेयूए की जड़ें कथित तौर पर पाकिस्तान के पड़ोसी देश अफ़ग़ानिस्तान में हैं।
मंगल बाघ
अमेरिका ने अपनी इनामी सूची में चरमपंथी संगठन लश्कर ए इस्लाम के प्रमुख मंगल बाघ को शामिल किया है। लश्कर ए इस्लाम भी तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान से अलग हुआ धड़ा है। इसके चरमपंथी मुख्य रूप से अफ़ग़ानिस्तान में तैनात नैटो के काफिले को निशाना बनाते हैं।
सितंबर 2007 में पाकिस्तान की सरकार भी मंगल बाघ पर इनाम की घोषणा कर चुकी है। पाकिस्तान सरकार ने कहा था कि मंगल बाघ के बारे में किसी तरह की सूचना देने वाले और उन्हें गिरफ़्तार करने में मदद करने वालों को 60 हज़ार डॉलर के इनाम की घोषणा की थी।
इसके अलावा अमेरिकी विदेश विभाग ने मध्य पूर्व देशों के कई संगठनों के चरमपंथियों पर भी इनाम का एलान किया है। अमेरिकी विभाग का कहना है कि ये चरमपंथी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा हैं। अमेरिकी ने साफ़ किया है कि तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के ख़िलाफ़ उसे सख्त रुख़ इसलिए भी अख़्तियार करना पड़ा क्योंकि वो अफ़ग़ानिस्तान में खुल्लमखुल्ला अमेरिकी फ़ौजों को निशाना बना रहा है। साथ ही अमेरिकी धरती पर भी चरमपंथी हमले करने की कोशिशों में भी जुटा हुआ है।