'मैं औरत हूं...और एक औरत ने मेरा रेप किया'

मंगलवार, 14 मार्च 2017 (11:01 IST)
- रेबेका ट्विनले
अठारह साल पहले एक अनजान महिला ने सार्वजनिक स्थान पर हिंसक तरीके से मेरा रेप किया और मारपीट की। मैं किसी तरह वहां से भागने में कामयाब रही और सीधे घर पहुंची। मैं इस बात से चिंतित थी कि जब लोग मेरे बैंगनी पड़ चुके चेहरे के बारे में पूछेंगे तो मैं क्या जवाब दूंगी। अगले दिन मैंने अपने पार्टनर को पूरी घटना बताई।
उसका कहना था कि वो नहीं समझ पा रहा कि एक महिला कैसे दूसरे महिला का रेप कर सकती है। उस महिला की हरकत ने मुझे बिल्कुल अकेला कर दिया था। एक तरफ तो लोगों का मानना है कि महिलाएं भावुक और मददगार होती हैं, लेकिन अधिकांश लोगों को ये समझने में दिक्कत होती है कि वो भी मर्दों जितनी ही क्रूर हो सकती हैं।
 
महिला द्वारा महिला के रेप सेक्स का नहीं, बल्कि हिंसा और दबंगई का मामला होता है। इसके अलावा महिलाओं में सहमति से संबंध बनाने को लेकर समझ की कमी से यह समस्या और विकराल हो जाती है। इसीलिए जब मेरे पार्टनर ने ठंडी प्रतिक्रिया दी तो मैंने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने का इरादा छोड़ दिया।
 
मैंने सोचा अगर महिला होकर वो नहीं समझ सकी तो बाकी क्या समझेंगे? ब्रिटेन में घटी इस घटना के कुछ साल बाद 2010 में मैंने प्लाईमाउथ यूनिवर्सिटी में काम करना शुरू किया और यहां मुझे डॉक्ट्रेट की पढ़ाई का मौका मिला। ऐसी समस्या से गुजरी कई महिलाओं को मैं व्यक्तिगत रूप से जानती थी। मैंने इस समस्या को लेकर शोध करने का मन बनाया। मैंने एक ऑनलाइन सर्वे करने का फैसला किया। हां और ना के प्रारूप में एक प्रश्नावली तैयार की जिसमें एक अंतिम सवाल भी शामिल था कि क्या आप महिला द्वारा महिला के रेप को संभव मानते हैं?
 
मुझे 159 लोगों की तरफ से प्रतिक्रियाएं मिलीं और इनमें से कोई भी अंतिम सवाल से सहमत नहीं मिला। इस तरह के रेप के आंकड़े हासिल करना काफी मुश्किल है, हालांकि बीबीसी रेडियो शो में साक्षात्कार के दौरान 'रेप क्राइसिस इन इंग्लैंड संस्था' के निदेशक वोन ट्रायनर ने मुझे बताया था कि 'रेप के 10 प्रतिशत मामलों में हमलावर महिलाएं हैं।'
 
सर्वे में हिस्सा लेने वाले एक शख़्स ने बताया कि सबसे बड़ी दिक्कत है रेप की क़ानूनी परिभाषा, जिसकी वजह से ऐसे मामले अदालत तक पहुंच ही नहीं पाते। 1994 तक ब्रिटेन में क़ानूनी मान्यता थी कि केवल पुरुष ही महिलाओं के साथ रेप कर सकते हैं। लेकिन समलैंगिंक अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले एनजीओ स्टोनवॉल ने इस बात को मान्यता दिलाई कि एक मर्द भी दूसरे मर्द का रेप कर सकता है।
 
2016 में रेप की क़ानूनी परिभाषा में बदलाव के लिए एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें कहा गया था कि एक महिला भी पुरुष का रेप कर सकती है। लेकिन ब्रिटिश सरकार ने इसे ख़ारिज करते हुए कहा था कि मौजूदा परिभाषा में बदलाव की कोई योजना नहीं है। एक महिला कैली ने मुझे बताया कि उम्र में बड़ी एक महिला 16 साल की उम्र तक उसका रेप करती रही थी।
 
एक अन्य महिला लॉरिन ने बताया कि एक महिला ने उसका रेप किया और उसके ब्वॉयफ्रेंड ने इसमें मदद की। शोध के दौरान जब मैंने एक महिला से पूछा कि वो क्यों इस शोध में शामिल होना चाहती हैं, तो उनका जवाब था, "जागरूकता बढ़ाने के लिए"।

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