इसके बाद इन सूक्ष्मजीवों से इलेक्ट्रॉन का निर्माण होता है जिसका बिजली उत्पादन में इस्तेमाल किया जा सकता है। दो लीटर पेशाब से 30-40 मिलीवाट बिजली का उत्पादन हो सकता है। इस बिजली का इस्तेमाल फिर फोन को रिचार्ज करने या रौशनी पैदा करने के लिए किया जा सकता है।