कनाडा की संसद में ऐसा क्या हुआ कि स्पीकर को मांगनी पड़ी माफ़ी

BBC Hindi

सोमवार, 25 सितम्बर 2023 (09:19 IST)
कनाडा की संसद एक बार फिर चर्चा में है। 22 सितंबर को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कनाडा की संसद में भाषण दिया। इस भाषण के फ़ौरन बाद दूसरे विश्व युद्ध में रूस के ख़िलाफ़ लड़ने वाले 98 साल के यारोस्लाव हुंका का सम्मान किया गया। हाउस ऑफ कॉमन्स में स्पीकर के ध्यान दिलाने के बाद सांसदों ने खड़े होकर हुंका का सम्मान किया। इस दौरान कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भी मौजूद रहे।
 
स्पीकर एंथनी रोटा ने हुंका को वॉर हीरो बताया और कहा कि फर्स्ट यूक्रेनियन डिवीजन से थे। बाद में हुंका के बारे में ज़्यादा जानकारियां सामने आईं तो पता चला कि हुंका हिटलर की फ़ौज़ में थे और नाज़ियों की तरफ़ से दूसरे विश्व युद्ध में लड़े थे। अब कनाडा की संसद के स्पीकर रोटा ने हुंका के सम्मान करवाए जाने को लेकर माफ़ी मांगी है।
 
कनाडा की संसद के स्पीकर ने क्या कहा?
 
रोटा ने कहा, 'यूक्रेन के राष्ट्रपति के भाषण के बाद मैंने गैलरी में मौजूद एक व्यक्ति को पहचाना और उनका सम्मान करवाया। इसके बाद मुझे कुछ और जानकारियां मिलीं जिससे मुझे अपने फ़ैसले का अफ़सोस है।' हुंका रोटा के इलाक़े में रहते हैं। रोटा कहते हैं- मैंने जो किया, उसके बारे में कनाडाई सांसदों या यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल को कुछ नहीं पता था।
 
अपने बयान में वो कहते हैं, 'मैं कनाडा समेत दुनियाभर में रहने वाले यहूदियों से माफ़ी मांगता हूं। मैंने जो किया, मैं उसकी ज़िम्मेदारी लेता हूं।' समाचार एजेंसी एपी ने हुंका का पक्ष जानने की कोशिश की मगर संपर्क नहीं हो पाया।
 
कनाडाई सांसदों और ज़ेलेंस्की ने मुट्ठी बंधे हाथ को उठाकर हुंका को सम्मानित किया। गैलरी में मौजूद हुंका ने दो बार मिले स्टैंडिंग ओवेशन यानी खड़े होकर लोगों के अभिवादन करने पर सैल्यूट किया। रोटा ने हुंका को यूक्रेनी और कनाडाई हीरो बताते हुए कहा था- हम आपकी सेवाओं के लिए शुक्रगुज़ार हैं।
 
यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की कनाडा में हैं। वो रूस के ख़िलाफ़ जारी जंग में पश्चिमी देशों से मिल रहे सहयोग को और ज़्यादा हासिल करने के लिए कनाडा गए हैं। पुतिन यूक्रेन को नव-नाज़ी कहते रहे हैं। हालांकि ज़ेलेंस्की ख़ुद यहूदी हैं और हिटलर की फ़ौज़ के किए नरसंहार यानी होलोकॉस्ट में ज़ेलेंस्की के रिश्तेदार भी मारे गए थे।
 
जस्टिन ट्रूडो के कार्यालय ने क्या कहा?
 
जब ये पूरा वाक़या हुआ, तब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भी संसद में मौजूद थे। कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पिएरे पोलिविएरे ने ट्रूडो को इस घटना के लिए ज़िम्मेदार बताया है। पिएरे ने कहा, 'इस घटना के लिए ट्रूडो ज़िम्मेदार हैं और उन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए।'
 
एनडीपी के नेता जगमीत सिंह ने भी रविवार को बयान जारी कर इस घटना की निंदा की है। सिंह ने कहा कि एनडीपी को भी इस आदमी के संसद आने या बैकग्राउंड के बारे में नहीं पता था। ट्रूडो के कार्यालय ने एक बयान जारी कह कहा- रोटा ने इस पूरे मामले की ज़िम्मेदारी ले ली है। माफ़ी भी मांगी है और ऐसा करना बिल्कुल सही भी था।
 
बयान के मुताबिक़ 'संसद के अंदर जो हुआ, उस बारे में जस्टिन ट्रूडो, यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल को कोई जानकारी नहीं थी। न ही हुंका को बुलाए जाने की और न ही हुंका को सम्मानित किए जाने की।' हुंका जिस फर्स्ट यूक्रेनियन डिवीजन के थे वो एसएस 14 वाफैन डिवीजन भी कहलाती थी। ये वॉलेंटियन यूनिट नाज़ियों के अंतर्गत आती थी।
 
द फ्रेंड्स ऑफ सिमन विसेंथल सेंटर फोर होलोकास्ट स्टडीज़ ने रविवार को एक बयान जारी कह कहा- ये डिवीजन बेकसूर नागरिकों की सामूहिक हत्या के लिए ज़िम्मेदार थी। इस यूनिट ने क्रूरता की वो हदें पार की थीं जिनकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते।
 
इस सेंटर ने अपने बयान में कहा, 'नाज़ियों के किए नरसंहार से बचे हर सर्वाइवर और नाज़ियों के ख़िलाफ़ लड़ने वाले हर सैनिक से माफ़ी मांगी जानी चाहिए। साथ ही ये बताया जाना चाहिए कि कैसे कनाडा की संसद के अंदर ये व्यक्ति घुसा और स्टैडिंग ओवेशन में सम्मान भी हासिल किया।'
 
कनाडा के यहूदी संगठन ने क्या कहा?
 
बिनाई ब्रिथ कनाडा एक यहूदी संगठन है। इसके सदस्यों की संख्या लगभग 4,000 है। इस संगठन के सीईओ माइकल मोस्टिन ने कहा, 'कनाडा की संसद नाज़ियों की तरफ़ से कभी लड़ने वाले व्यक्ति का सम्मान कर रही है, ये बात अपमानजनक है। हम एक अर्थपूर्ण माफ़ी की उम्मीद करते हैं। कनाडा के सभी नागरिक से माफ़ी मांगी जानी चाहिए। साथ ही ये बताया जाना चाहिए कि कनाडा के लोकतंत्र के केंद्र में ऐसा कैसे हो सकता है।'
 
हुंका का सम्मान करने वालों में कनाडा की सभी राजनीतिक पार्टियां थीं। कंजर्वेटिव पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि हुंका के इतिहास के बारे में पार्टी को नहीं पता था। कंज़र्वेटिव पार्टी के प्रवक्ता ने कहा- हमें पता चला है कि हुंका का अतीत बहुत परेशान करने वाला है। ट्रूडो की लिबरल पार्टी को ये बताना चाहिए कि आख़िर ऐसा हुआ कैसे?
 
कनाडियन यहूदी न्यूज़ के मुताबिक़ साल 2021 में कनाडा में में यहूदियों की संख्या क़रीब तीन लाख थी। 2011 की तुलना में यहूदियों की संख्या कनाडा में कुछ बढ़ी भी है। साल 1933 में हिटलर की नाज़ी पार्टी के जर्मनी की सत्ता संभालने के बाद यहूदियों का तिरस्कार शुरू हुआ था।
 
1939 में यहूदियों के ख़िलाफ़ अपराध के मामले तेज़ी से बढ़े और साल 1945 आते-आते नाज़ियों ने लाखों यहूदियों की हत्या कर दी। यूनिवर्सिटी ऑफ ओटावा के डोमनिक एरल ने सीबीसी न्यूज़ से रविवार को कहा- हुंका जिस डिवीजन में थे, वो हज़ारों यूक्रेनी वॉलेंटियर्स की मौत का कारण बनी थी, कुछ को उम्मीद थी कि वो यूक्रेन की आज़ादी हासिल कर सकते हैं। वो कहते हैं- जर्मनी की सेना में सिर्फ़ जर्मन हुआ करते थे। ऐसे में गैर-जर्मन लोगों को एसएस डिवीजन में डाल दिया जाता था।
 
सोशल मीडिया पर चर्चा
 
कनाडा में राजनीतिक विश्लेषक इवान कैचानोवोस्की ने हुंका की तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा- 'कनाडा की संसद में प्रधानमंत्री ट्रूडो, यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने जिनका खड़े होकर सम्मान किया गया, उनकी तस्वीरें भी हैं। हुंका ने जर्मनी में ट्रेनिंग के दौर की ये तस्वीर खुद हुंका ने छापी थी। तीसरी फोटो में मशीन गन के पास बिना हेलमेट के खड़े शख़्स हुंका हैं।'
 
सोशल मीडिया पर हैंडल @WarClandestine ने लिखा- कनाडा की संसद में 98 साल के उन यूक्रेनी प्रवासी का सम्मान किया गया तो दूसरे विश्वयुद्ध में रूस के ख़िलाफ़ लड़े थे। वो नाज़ियों के साथ भी लड़े थे। ऐसे में नाज़ियों के लिए कनाडा की संसद में खड़े होकर सम्मान दिया जा रहा है।
 
कनाडा की सांसद कैरीन गाउल्ड ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'बाकी सारे सांसदों की तरह ही मुझे भी हुंका के बारे में कुछ पता नहीं था। मैं उस शख़्स के पास गई और एक तस्वीर भी ली। यहूदियों के ख़िलाफ़ हुए नरसंहार को मेरे पुरखों ने भी झेला था। ऐसे में मैं सभी सांसदों से अपील करूंगी कि इस मुद्दे पर राजनीति ना करें क्योंकि मुझ समेत ये काफ़ी लोगों को परेशान करेगा।'

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