उन्नाव कांड : चचेरी बहन ने बताया, एक-एक को मारने की थी धमकी

BBC Hindi
बुधवार, 31 जुलाई 2019 (12:26 IST)
दिव्या आर्य
उन्नाव रेप कांड में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर लगातार घिरते जा रहे हैं। रविवार को रेप पीड़िता कार से रायबरेली जा रही थी तभी एक ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी थी। इसमें पीड़िता गंभीर रूप से ज़ख्मी हो गई है और दो रिश्तेदारों की मौत हो गई। कार में सवार पीड़िता के वकील भी ज़ख़्मी हैं और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
 
कार और ट्रक की टक्कर की जांच साज़िश के नज़रिए से भी की जा रही है। इसकी जांच प्रदेश की योगी सरकार ने सीबीआई को सौंप दी है। कुलदीप सिंह सेंगर को लेकर विपक्षी पार्टियों ने बीजेपी को घेरा तो बुधवार को यूपी बीजेपी ने कहा कि कुलदीप सिंह सेंगर पार्टी से पहले से ही निलंबित थे और निलंबन अब भी रद्द नहीं हुआ है।
 
इस मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत 10 लोगों पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है। लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में पीड़िता का इलाज चल रहा है। वो सीरियस है। उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक़ अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। उनके सिर पर चोट लगी है।
 
एक साल से जांच हो रही है। सीबीआई एक महीने में दो बार बयान लेती है। विधायक के डर से पीड़िता चाचा के पास दिल्ली में रहती थी क्योंकि वहां कैमरे लगे थे, सुरक्षा थी। पीड़िता के चाचा को भी झूठे केस में पिछले 9 महीने से जेल में डाल दिया गया है। 9 महीने से हम लोग भटक रहे हैं। हमें लगातार धमकी दी जा रही है कि केस वापस ले लो, नहीं तो मार देंगे।
 
पीड़िता जब बयान देने उन्नाव आई तो कुलदीप सेंगर के लोग बोले कि अभी तो इनको (चाचा को) अंदर कराया है, उन्हें लटकाना बाक़ी है और तुमको मारना बाक़ी है। केस तो वापस लोगी नहीं तुम। बड़ी निडर हो। तुमको मार देंगे तभी फुर्सत मिलेगी। ये सारी बातें उसने चाची को बताई थी। 
 
चाची ने कहा कि तुम बयान दो और घर आ जाओ वहां रहना सुरक्षित नहीं हो। मेरी बहन ने कहा कि वो रविवार को चाचा से मिलकर तब आ जाएगी। रविवार को तो उसके लिए मौत खड़ी थी। उसको मार दिया। हमारी मां भी मर गईं और मौसी भी मर गईं, वो पैरवी करती थीं।
 
न पीड़िता को न्याय मिलेगा, न चाचा को : यह हादसा नहीं था। दोनों बहनें (मेरी मां और मौसी) इसकी पैरवी करती थीं। अभी जो जांच चल रही है, उसमें सीबीआई से ख़ुश हूं लेकिन उन्नाव की पुलिस से ख़ुश नहीं हूं। कोर्ट में न्याय नहीं होता। यहां खड़े-खड़े अन्याय होता है। हर बार तारीख़ मिलती थी... क्योंकि उसके (पीड़िता के) मौत की योजना बनाई जा रही थी। मैं उन्नाव से नफ़रत करती हूं, न पीड़िता को न्याय मिलेगा, न चाचा को मिलेगा।
 
यहां कुलदीप के लोग ठहाका मार कर हंसते थे। कहते थे कि उनको उड़ाओ, काम ख़त्म करें। हम तीन महिलाएं थीं जबकि उनकी तरफ पूरा गैंग। पीड़िता को पहले सुरक्षा मिली थी। लेकिन वो उसे बिठाकर कुछ लाने चले जाते थे। बाहर पीड़िता सुरक्षित नहीं थी तो उसको अंदर बिठा कर जाते थे। उसी दौरान पीड़िता को धमकी दी जाती थी।
 
पिछले नौ महीने के दौरान, जब से पीड़िता के चाचा महेश सिंह को जेल भेजा गया है, वो लोग धमकी देते रहे हैं। चाची को रास्ते में घेर लिया जाता है। उनको कहा जाता है कि चलो तुमको बुला रहे हैं। चाची कुछ लोगों को पहचानती थीं तो उनके नाम एफ़आईआर, थाने, एसपी, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक को दिए गए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
 
हम कुचल कर मार दिए जाएंगे : साक्षी महाराज सेंगर से मिलने गए, लेकिन पीड़िता से मिलने नहीं आए। जब चाचा नहीं हैं तो हम कहां रहेंगे, जहां जाएंगे वहीं कुचल कर मार दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री जी तक हमारी बात पहुंचवा दीजिए। जो झूठे मुक़दमे लगाए गए हैं उसे वापस लिया जाए। चाचा को 307 के मुक़दमे में जेल कराई गई। वे अपने दरवाज़े पर खड़े थे। इन्होंने गोली चलाई वो बाइज्जत बरी कर दिए गए।
 
कुलदीप सेंगर के बारे में यह कहना है कि अगर ऐसे रहा तो हमारा परिवार नहीं रहेगा। उसको अब तक पार्टी में क्यों रखा गया। केवल स्मृति इरानी आई थीं और दिलासा देकर चली गईं। ये जब धमकी देने आए थे, तो मैंने मुक़दमा भी किया था। उनको गिरफ़्तार करवा देते तो यह नहीं होता। ये खुलकर कहते थे कि तुम एक-एक कर मरोगे। ऐसा बोल रहे हैं तो हम सुरक्षित तो नहीं हैं। हमें सुरक्षा दी जाए।

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