गर्मियों में पसीना आना स्वाभाविक प्रक्रिया है। जिन्हें कम पसीना आता है वे कई तरह की समस्याओं से जूझते हैं। रोमकूपों में धूल भरी रहने से पसीना बाहर निकलने में परेशानी होती है। बाहर निकलेंगी तो जाहिर है कि धूल से बचना मुश्किल होता है। पर्यावरण प्रदूषण बढ़ने से चेहरे की त्वचा पर मृत सेल्स जमा हो जाते हैं।
याद रखें कि आपके पास फेसमास्क जैसा हथियार भी है जो धूल और मृत त्वचा से आपके चेहरे को मुक्त रख सकता है। चने के आटे का स्क्रब भी आपको फायदा दे सकता है।
गर्मियों के मौसम में बढ़ता तापमान शरीर की नमी सोख लेता है। इसका सबसे बुरा असर चेहरे पर दिखाई देता है। यह तो हो नहीं सकता कि आप पूरी गर्मियाँ घर की चार दीवारी के बीच ही बिता दें। इसलिए बाहर भी निकलें लेकिन पूरी तैयारी के साथ। इस मौसम का सामना करने के लिए आपको पहले से तैयारी करना चाहिए।