जदयू नेता ने कहा, केन्द्र में भाजपा की सरकार है जिसने बार बार यह दावा किया है कि उन्हें स्वयंसेवक होने में गर्व है। आरएसएस के विचार अंतिम हैं। भाजपा जो कुछ भी बोले, उसका कोई मतलब नहीं है। जैसे कि उच्चतम न्यायालय की संवैधानिक पीठ कुछ भी तय करती है वह अंतिम होता है और उसके बाद कुछ भी नहीं है। इसी तरह आरएसएस का भी तरीका है, अगर आरएसएस प्रमुख कुछ कहते हैं तो भाजपा की उस संबंध में कुछ नहीं चलती।