Maharana Pratap Jayanti 2024: महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 ईस्वी को राजस्थान के कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था। विक्रमी संवत् के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया को उनकी जयंती मनाई जाती है। उनकी पुण्यतिथि माघ शुक्ल एकादशी को बताई गई है। उन्हें सिर्फ राजस्थान का ही नहीं अपितु संपूर्ण भारत का वीर सपूत कहा जाता है। आओ जानते हैं उनकी और अकबर के युद्ध के परिणाम के बारे में जानकारी।
- विदेशी मुगल बादशाह अकबर ने महाराणा प्रताप को हर तरह से झुकाने और हराने का प्रयास किया परंतु वह ऐसा करने में सफल नहीं हो पाया। महाराणा प्रताप ने 20 साल जंगल में रहकर नए सिरे से अपनी फौज तैयार की और अकबर से युद्ध करके मेवाड़ का 85 प्रतिशत हिस्सा पुन: हासिल कर लिया था। 12 सालों के लंबे संघर्ष के बाद अकबर ने हार मान ली थी।
- 18 जून, 1576 को आमेर के राजा मानसिंह और आसफ खां के नेतृत्व में मुगल सेना और महाराणा प्रताप के बीच हल्दीघाटी का युद्ध हुआ। माना जाता है कि इस युद्ध में न तो अकबर की जीत हो सकी और न ही महाराणा प्रताप की हार हो सकी। मेवाड़ को जीतने के लिए अकबर ने भी सभी प्रयास किए। महाराणा प्रताप ने भी अकबर की अधीनता को स्वीकार नहीं किया था। उन्होंने कई वर्षों तक मुगल सम्राट अकबर के साथ संघर्ष किया।
- बाद में महाराणा की सेना ने मुगल चौकियों पर आक्रमण शुरू कर उदयपुर समेत 36 बेहद अहम ठिकानों को अपने अधिकार में ले लिया। यानी उन्होंने अकबर की सेना को 36 बार से ज्यादा बार मात दी थी। महाराणा प्रताप तुक के मुगल सम्राट अकबर से कभी भी हारे नहीं था। अधिकतर मौकों पर युद्ध का कोई परिणाम नहीं निकला था। महाराणा प्रताप के विरुद्ध हल्दीघाटी में पराजित होने के बाद स्वयं अकबर ने जून से दिसम्बर 1576 तक 3 बार विशाल सेना के साथ महाराणा पर आक्रमण किए, परंतु महाराणा को वे खोज नहीं पाए।