इस समय बॉलीवुड में ग्लैमर गर्ल तो बहुत हैं लेकिन कलाकार की परिभाषा पर जो खरी उतरे ऐसी नायिकाओं की कमी है। ‘परिणीता’ जैसी फिल्म करने के बाद विद्या बालन से अपेक्षाएँ की गई थीं कि वह इस कमी को कुछ हद तक पूरी कर सकती है। लेकिन विद्या इन अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर पाई। इसके लिए विद्या के अभिनय को नहीं बल्कि उसके द्वारा चुनी गईं फिल्मों को दोष दिया जा सकता है। ऐसा लगता है कि विद्या निर्णय लेने के मामले में कच्ची है।
महत्वहीन भूमिकाएँ एक ‘लगे रहो मुन्नाभाई’ छोड़ दी जाए तो शेष फिल्मों में विद्या की भूमिका प्रभावहीन रहीं। ‘एकलव्य’, ‘सलाम-ए-इश्क’ और ‘गुरु’ में जो भूमिकाएँ विद्या ने निभाई हैं वे उसकी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं करती है।
लेकिन विद्या इस बात को नहीं मानती। उसके अनुसार ‘सलाम-ए-इश्क’ में वह अपने रोल से पूरी तरह संतुष्ट हैं। जहाँ तक ‘एकलव्य’ और ‘गुरु’ का सवाल हैं तो वह उसने संबंधों की खातिर की क्योंकि विधु विनोद चोपड़ा उसकी पहली फिल्म के निर्माता हैं और मणिरत्नम् जैसे फिल्मकार को वह ना नहीं कह सकी।
लेकिन अब विद्या ने सोच लिया है कि वह स्क्रिप्ट पढ़कर ही फिल्म साइन करेगी भले ही कितना बड़ा निर्माता क्यों न हों। इस तरह का फैसला यह दर्शाता है कि कहीं न कहीं उसे भी इस तरह की भूमिकाएँ निभाने का अफसोस है।
गलत निर्णय फिल्मों के चुनाव के मामले में विद्या के निर्णय सही नहीं कहे जा सकते। एक तरफ जहाँ वह महत्वहीन भूमिकाएँ करती है वहीं दूसरी ओर वह प्रदीप सरकार और मेघना गुलजार जैसे फिल्मकारों की फिल्म करने से इंकार कर देती है।
यश चोपड़ा द्वारा निर्मित और प्रदीप सरकार द्वारा निर्देशित फिल्म ‘लागा चुनरी में दाग’ में नायिका बनने का प्रस्ताव विद्या के ही पास आया था, लेकिन विद्या ने ना कर दी। इसी तरह मेघना गुलजार की फिल्म ‘पूरणमासी’ को भी विद्या ने ठुकरा दिया।
विद्या का मानना है कि उसने सही निर्णय लिए हैं। ‘लागा चुनरी में दाग’ वह करने वाली थी, लेकिन फिल्म की शूटिंग शुरू होने में देरी हो गई। अब जो तारीख उसे इस फिल्म के लिए देनी थी, वह पहले से ही साजिद नाडियाडवाला की फिल्म को दे चुकी थीं।
लेकिन क्या वह यशराज बैनर और प्रदीप सरकार के लिए साजिद की फिल्म नहीं छोड़ सकती थीं। विद्या शार्ट फिल्म नहीं करना चाहती, इसलिए उसने मेघना की फिल्म में काम करने से इंकार कर दिया। क्या सलाम-ए-इश्क में उसने शार्ट फिल्मनुमा भूमिका नहीं की थी?
अकेली है विद्या पिछले दिनों विद्या का नाम जॉन अब्राहम के साथ जोड़ा गया। कहा जा रहा था कि ‘सलाम-ए-इश्क’ की शूटिंग के दौरान दोनों की नजदीकियाँ बढ़ीं। विद्या इसे सिरे से नकारती है। विद्या कहती है कि वह बेहद रोमांटिक लड़की है और रोमांटिक अकेले रहकर भी हुआ जा सकता है। अभी उसकी जिंदगी में कोई नहीं है।
आने वाली फिल्म विद्या की आने वाली फिल्म हल्ला बोल, भूल भुलैया, हे बेबी, अज़ीज मिर्जा की अनाम फिल्म हैं। उम्मीद है कि इन फिल्मों में विद्या ने सशक्त भूमिका निभाई होगी।