रणवीर सिंह इस समय संजय लीला भंसाली के पसंदीदा एक्टर हैं। गोलियों की रासलीला रामलीला, बाजीराव मस्तानी और पद्मावत जैसी फिल्म वे रणवीर सिंह को लेकर बना चुके हैं और तीनों ही फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार सफलता हासिल की।
निर्देशक और अभिनेता की यह ट्यूनिंग अक्सर दिखाई देती है। गोविंदा-डेविड धवन, मनमोहन देसाई-अमिताभ बच्चन और रोहित शेट्टी-अजय देवगन इसके उदाहरण हैं। जुगलबंदी बढ़िया हो तो थोड़ा कहा ज्यादा समझने वाला सिद्धांत काम करने लगता है और आप जो चाहते हैं उससे बेहतर काम होता है।
संजय लीला भंसाली को ऐतिहासिक फिल्म बनाने का शौक इन दिनों सवार है। इन फिल्मों में वे भव्यता को परदे पर प्रस्तुत करते हैं। कई बार दर्शक भव्यता को ही बेहतर फिल्म समझ बैठते हैं और ट्रिक काम कर जाती है।
बैजू बावरा पर भंसाली फिल्म बनाना चाहते हैं और इसमें वे अपनी प्रिय सितारे रणवीर सिंह को यह भूमिका सौंपना चाहते हैं। रणवीर सिंह बिकाऊ सितारे हैं और उनके नाम पर फिल्म को बेहतरीन ओपनिंग भी लगती है।
1952 में भारत भूषण को लेकर बैजू बावरा फिल्म बनी थी जिसे विजय भट्ट ने निर्देशत किया था। फिल्मकार विक्रम भट्ट के विजय भट्ट दादा थे। फिल्म में वे दिलीप कुमार को लेना चाहते थे, लेकिन कम बजट होने के कारण भारत भूषण से काम चलाया गया। इस फिल्म ने रिकॉर्ड तोड़ सफलता हासिल की थी जिसमें संगीतकार नौशाद का अहम योगदान था।
बैजू बावरा पर फिल्म बन रही है तो संगीत का मधुर होना जरूरी है। फिल्म में एक दर्जन गाने थे और सभी एक से बढ़ कर एक थे। उस्ताद आमिर खान, डीवी पालुस्कर, मोहम्द रफी और लता मंगेशकर ने इनमें स्वर दिए थे। सभी गीत रागों पर आधारित थे। राग भैरवी पर आधारित 'तू गंगा की मौज', राग भैरव पर आधारित 'मोहे भूल गए सांवरिया', 'मन तड़पतर हरि दर्शन को आज', 'बचपन की मोहब्बत' को आज भी संगीत प्रेमी चाव से सुनते हैं।
संजय लीला भंसाली को सबसे ज्यादा संगीत पर मेहनत करना होगी। उन्हें संगीत की समझ है, लेकिन खुद संगीत देने की भी जिद रहती है। नौशाद जैसा संगीतकार ढूंढ पाना उनके लिए बहुत मुश्किल होगा।
बैजू के बारे में कहा जाता था कि वे जब गाते थे तो पत्थर पिघल जाते थे। इश्क का भूत उन पर ऐसा सवार हुआ कि वे बावरा हो गए, इसलिए उन्हें बैजू बावरा कहा जाता है। अकबर के दरबार में आयोजित एक प्रतियोगिता में उन्होंने तानसेन को हरा दिया था।
फिल्म में नायिका की भूमिका आलिया भट्ट को दी जाएगी जिन्हें देख बैजू, बावरा हो जाएगा। आलिया इस समय भंसाली के साथ गंगूबाई काठियावाडी कर रही हैं। दीपिका के साथ भंसाली 3 फिल्म कर चुके हैं। क्या आलिया से दीपिका इस रोल के लिए बेहतर साबित होती? यह प्रश्न कई लोगों के दिमाग में उठेगा।