बटन खोलो, ऐश करो !!

IFM
उस खबर पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया। बॉलीवुड के स्टार अक्षय कुमार जैसे ही विदेश से आए उन्हें गिरफ्तार किया गया और फिर तुरंत छोड़ भी दिया गया। उन पर अश्लीललता फैलाने का आरोप था। पिछले दिनों एक फैशन शो के दौरान एकाएक की गई हरकत से उन्होंने सनसनी पैदा कर दी। रैम्प पर उन्होंने अपनी पत्नी से अपनी जीन्स का ऊपरी बटन खुलवाया। इस घटना के फोटो अखबारों में छपे, जिसमें उघड़े बदन अक्षय कुमार अपनी पत्नी ट्विंकल खन्ना के सामने खड़े हैं और टि्वंकल उनकी जींस का ऊपरी बटन खोल रही हैं।

पहले यह सनसनी मीडिया में पहुँची, फिर समाज में। आश्चर्य की बात है कि समाज में इसकी कोई बहुत तीखी प्रतिक्रिया नहीं हुई। एक ने अक्षय कुमार के खिलाफ अश्लीलता फैलाने का आरोप लगाकर केस दर्ज कर दिया। इसके अलावा कहीं कुछ हल्ला या हंगामा नहीं हुआ।

इसी जीन्स को लेकर अक्षय ने एक विज्ञापन भी किया है। इन विज्ञापनों के बड़े-बड़े होर्डिंग्स भी देखे जा सकते हैं। यह विज्ञापन कुछ पत्रिकाओं में भी छपा है। इन होर्डिंग्स में अक्षय के एक्शन हीरो की इमेज का भरपूर लाभ उठा गया है। एक होर्डिंग में वे उघड़े बदन हैं और जीन्स पहनी हुई है औऱ जाहिर कि उसका ऊपरी बटन खुला हुआ। वे एक छलाँग लगाने की मुद्रा में हैं। विज्ञापन कहता है- लीव अनबटंड।

उपभोक्तावादी संस्कृति में इस लीव अनबटंड को एक रूपक में बाँधकर कहने की कोशिश की जाए तो कहा जा सकता है कि अब निर्बाध रहो, तमाम संकोचों को तज कर आजाद रहो। सारी वर्जनाओं से मुक्त रहो। अब कोई डर नहीं, कोई शर्म नहीं। भोगो। और सिर्फ भोगो। भागो नहीं, भोगो।

इस उपभोक्तावादी संस्कृति ने इतने भोग सजा रखें हैं और आप हैं कि शर्म से लजा रहे हैं। लजाने का वक्त नहीं है। यह भोगने का वक्त है। पित्जा, बर्गर से हर तरह के पेय मौजूद हैं। अलग अलग पैकिंग में। लुभाते हुए। सब आपकी खातिर हैं। तो फिर देर किस बात की। बाजार सजे हैं, भोग सजे हैं। आप तो बस मुक्त रहें, हर तरह की वर्जना से मुक्ति जरूरी है। इसके बगैर आप भोग का मजा नहीं ले सकते। इसलिए हर तरह के डर को छोड़ना होगा। तो आपको भी एक छलाँग लगानी है। बटन खोलकर। लीव अनबटंड।

इस जीन्स के विज्ञापन में अक्षय के साथ एक सुंदर लड़की भी है। वह कई मुद्राओं में है। संदेश साफ है। कुछ भी कहने की जरूरत नहीं। लीव अनबटंड उपभोग का नया मंत्र है। यह उपभोक्तावादी संस्कृति का नया संस्करण है। यह फैलेगा। अक्षय ने इसे नायाब ढंग से फैलाया है।

तो क्या आप भी तैयार हैं - छलाँग लगाने के लिए। अपने मूल्यों से, अपनी परंपरा से, अपने ऊबाऊ जीवन से, रसहीन जीवन शैली से। तो इस नए मंत्र को अपनाइये और नई छलाँग लगाइए- लीव अनबटंड। एक उपभोक्तावादी संस्कृति के नए मंत्र इसी तरह आपके जीवन में भी सनसनी फैलाएँगे।

अब यह आप पर निर्भर है कि आप बटन खोलकर छलाँग लगाने को तैयार हैं या नहीं।
अक्षय आपसे पूछेंगे- आर यू रेडी?

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