धमाल की कमी डबल धमाल में पूरी : अरशरद वारसी

हास्य भूमिका निभाने में अरशद वारसी बेहद माहिर हैं। दर्शक उन्हें ऐसी भूमिकाओं में देखना चाहते हैं और ज्यादातर निर्माता उन्हें इसी तरह के रोल सौंपते हैं। इसके अलावा अरशद कई फिल्मों के सीक्वल में काम कर रहे हैं। उनकी ‘डबल धमाल’ रिलीज होने वाली है। पेश है अरशद से बातचीत :


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सर्किट का रोल आपने क्या‍ निभाया, हर फिल्मकार आपको हास्य भूमिका में ही ले रहा है?
ऐसा तो नहीं है। मैं कॉमेडी के साथ-साथ गंभीर रोल भी कर रहा हूँ। ‘सहर’ और ‘इश्किया’ जैसी फिल्में भी मैंने की हैं, लेकिन मेरी कॉमेडी फिल्म इतनी चलती है कि लोगों को वो ही याद रहती हैं। हास्य के साथ-साथ गंभीर फिल्मों के ऑफर भी मुझे मिलते हैं।

‘धमाल’ और ‘डबल धमाल’ में कितना फर्क है?
‘धमाल’ में जो कमी थी उसे ‘डबल धमाल’ में पूरा किया गया है। चरित्र वही है, लेकिन कहानी बदल गई है, सिचुएशन बदल गई है। इस फिल्म के लिए मुझे खासी मेहनत करना पड़ी। मेरे कई गेटअप नजर आएँगे। कभी सरदार के लुक में नजर आऊँगा, कभी शेख, कभी गुंडा तो कभी कांट्रेक्ट किलर।

आपको नहीं लगता कि आप सीक्वल फिल्मों से घिरते जा रहे हैं?
ये तो अच्छी बात है। गोलमाल के हर सीक्वल को लोगों का प्यार मिला। अब धमाल का सीक्वल। इश्किया का भी सीक्वल बनने जा रहा है, हालाँकि मैंने अब तक इसकी स्क्रिप्ट नहीं सुनी है, लेकिन मुझे विशाल भारद्वाज और अभिषेक चौबे पर पूरा विश्वास है। मुन्नाभाई का तीसरा भाग ‘मुन्नाभाई चले अमरीका’ भी साल के अंत तक शुरू हो जाएगा।

सीक्वल फिल्मों में अभिनय करना कितना आसान होता है?
यह आसान नहीं बल्कि दोहरी जिम्मेदारी का काम हो जाता है। पहले की फिल्म में हमने जो बेंचमार्क स्थापित किया है उससे बढ़कर कुछ करना होता है ताकि दर्शकों को अहसास हो कि वे कुछ नया देख रहे हैं।

आपकी आने वाली फिल्में?
एक फिल्म कर रहा हूँ ‘जिला गाजियाबाद’ जिसमें मेरा नकारात्मक किरदार है। सुभाष कपूर की फिल्म में ‘वकील’ बना हूँ।

आप एक फिल्म निर्देशित भी करने वाले थे, उसका क्या हुआ?
निर्देशन जरूर करूँगा, लेकिन कब, यह नहीं बता सकता। दो साल तक तो कोई उम्मीद नहीं है।

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