'मेरे साईं' में यह रोल निभाने जा रहे सुनील चौहान, बोले- इस ट्रैक से दर्शक अनमोल सबक सीखेंगे

Webdunia
गुरुवार, 19 अगस्त 2021 (10:58 IST)
सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के 'मेरे साईं : श्रद्धा और सबुरी' का वर्तमान ट्रैक डॉ. चिदंबरम पिल्लई की कहानी दिखा रहा है, जो आयुर्वेद और होम्योपैथी के क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं। डॉ पिल्लई साईं बाबा (तुषार दल्वी) को नहीं मानते, और अपने बेटे के साथ रहने के लिए शिर्डी जाते हैं। एक बीमारी से पीड़ित और उससे लड़ने की इच्छाशक्ति न होने के कारण, वो अंत में साईं से मिलते हैं, जो अपनी दिव्यता के माध्यम से उसकी समस्या का समाधान करते हैं और उसे फिर से स्वस्थ बनाते हैं। 

 
साईं से प्रभावित डॉ. पिल्लई का उनके प्रति नजरिया पूरी तरह बदल जाता है। अभिनेता सुनील चौहान अपनी इस भूमिका को बाबा के आशीर्वाद से कम नहीं मानते। इस मौके पर उन्होंने अपनी भूमिका और इस शो के बारे में खुलकर बातचीत की।
 
आपने मेरे साईं में इस रोल के लिए कैसे हां की?
डॉ. चिदंबरम पिल्लई का किरदार और कहानी ही इस भूमिका को निभाने के लिए काफी थे। मुझे उनकी कहानी के बारे में पता था। एक एक्टर के रूप में, यह ऐसे व्यक्तित्व को प्रस्तुत करने का एक शानदार अवसर था, जो उलझा हुआ लेकिन आकर्षक है। दर्शक देखेंगे कि आयुर्वेद और होम्योपैथी के विशेषज्ञ डॉ. पिल्लई, साईं बाबा पर विश्वास नहीं करते थे, लेकिन बाबा से मुलाकात के बाद उनका दृष्टिकोण पूरी तरह से बदल गया। 
 
फिर वो साईं बाबा पर विश्वास करने लगते हैं और जल्द ही उनके सबसे समर्पित भक्त बन जाते हैं। मैं इस शो में इतनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए वाकई उत्साहित हूं और आशा करता हूं कि ये कहानी शो के सभी दर्शकों तक दूर-दूर तक पहुंचे।
 
इस शो में आप अहम भूमिका निभाते नजर आएंगे। अपने किरदार के बारे में कुछ बताएं?
डॉ. पिल्लई एक ईमानदार और महान वैद्य (डॉक्टर) थे। वे साईं बाबा के सबसे बड़े भक्तों में से एक थे, जो उन्हें प्यार से 'भाऊ' कहकर संबोधित करते थे, इसलिए जब भी कोई महत्वपूर्ण बात होती थी, तो वे उनसे सलाह भी लेते थे। मैंने डॉ. पिल्लई के बारे में काफी कुछ पढ़ा है, इसलिए मेरे लिए बारीकियों को चुनना और यह भूमिका निभाना आसान था। मुझे उम्मीद है कि दर्शक इस पर ध्यान देंगे और इस ट्रैक से अनमोल सबक सीखेंगे।
 
इस ट्रैक में दर्शकों के लिए सबसे खास बात क्या होगी?
इस ट्रैक के माध्यम से दर्शक, इंसान की अंदरूनी भावनाओं के मामले में सच्चे और ईमानदार होने के महत्व को जानेंगे। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि इंसान के पास सांसारिक संपत्ति क्या है; विनम्रता ही है जो उसे शांति और खुशी तक पहुंचने में मदद करेगी।
 
क्या आप कोई खास तैयारी कर रहे हैं?
जैसा कि मैंने पहले उल्लेख किया है, डॉ. पिल्लई एक बहुत ही दिलचस्प व्यक्तित्व थे, और मैं उन्हें स्क्रीन पर निभाकर बहुत खुश हूं। मेरे पास उनके बारे में बहुत कुछ है और मेरे लिए शुरू से ही उनके किरदार को समझना आसान था। मुझे लगता है कि आप जिस किरदार को निभा रहे हैं, उसे महसूस करना बहुत जरूरी है और इसके लिए आपको किरदार के बारे में विस्तार से पता होना चाहिए।
 
आपकी सबसे बड़ी प्रेरणा क्या है?
मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा हमेशा मेरी प्यारी मां और भगवान रहे हैं। मैं आज जो हूं, वो बनने के लिए मेरी मां ने मुझे प्रेरित किया है। हमारे जीवन में सबकुछ हमारे परिवार के इर्द-गिर्द घूमता है। मेरी मां की सबसे बड़ी ताकत यही थी कि वो मुझे अपनी पहचान और स्वतंत्रता विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करती थीं।
 
आपने कब फैसला किया कि आपको एक्टर बनना है?
जब मैं कॉलेज में था। ग्रेजुएशन के दौरान ही मुझे एहसास हुआ कि मैं एक अभिनेता बनना चाहता हूं और इसके बाद मैंने नई दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से थिएटर में पोस्ट ग्रेजुएशन किया।
 
एक अभिनेता के रूप में आपकी सबसे बड़ी उपलब्धि क्या रही है?
मुझे लगता है कि मैं इंसानी स्वभाव की जटिल परतों का पता लगाने की कोशिश करता हूं, जो अब भी एक सतत प्रक्रिया है।
 
आपकी भविष्य की क्या योजनाएं हैं?
ज्यादा उलझे हुए किरदारों को सरल तरीके से निभाना और हमेशा एक ईमानदार अभिनेता बने रहना चाहता हूं।
 

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख