Rohit Saraf on Ishq vishq rebound: द स्काई इज पिंक, मिसमैच और विक्रम वेदा जैसे फिल्मों और वेब सीरीज में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले रोहित सराफ इश्क विश्क रिबाउंड में एक अच्छी खासी भूमिका निभा रहे हैं। अभी आपको बताने की जरूरत तो नहीं है कि आजकल इन्हें नेशनल क्रश के नाम से भी पुकारा जाता है।
कुछ समय पहले इनका एक वीडियो भी वायरल हुआ था जहां पर रोहित सराफ खड़े हुए हैं और इनके पीछे इतनी सारी लड़कियां पड़ीं कि इन्हें अपने आप को बचाने के लिए इधर-उधर भागना पड़ा है। जब इसी वीडियो का जिक्र करते हुए वेबदुनिया के संवाददाता ने रोहित से पूछा तो थोड़े से शरमाते हुए और थोड़े से झेंपते हुए रोहित ने कहा, मैं तो बहुत शुक्रगुजार हूं कि मुझे लोगों ने इतना प्यार दिया है।
रोहित सराफ ने कहा, मैं थोड़ा सा डर भी रहा था और थोड़ा सा शर्मा भी रहा था और मुझे अच्छा भी लग रहा था कि देखिए इतना प्यार कभी किसी को मिला नहीं होगा जितना कि मुझे मिला है और यह सब कहते हुए मुझे बहुत झेंप भी महसूस हो रही है। लेकिन यह भी तो शायद मैं बहुत ज्यादा लकी हूं। जो मुझे इतना कम काम करने के बाद भी इतना सारा प्यार मिलता रहा है।
आपकी फैंस तो बहुत है लेकिन उनकी शिकायत एक ही है कि रोहित बहुत चूजी है
नहीं! मैं नहीं मानता कि मैं बहुत चूजी किस्म का अभिनेता हूं। लेकिन हां मैं यह बिल्कुल मानता हूं कि मैं बहुत सारा काम करूं इससे अच्छा बहुत अच्छा काम करो। अभी तक जितने भी काम मैंने किए हैं, चाहे मिसमैच हो या फिर कोई फिल्म भी हो ऐसे की है कि लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई है और अच्छा काम किया है मैंने। मुझे ऐसा लगता है कि हर काम जो मैं करूं वह मुझे जिंदगी में आगे बढ़ने पर मजबूर करें।
मैं उन अभिनेताओं में से हूं जो अच्छा काम पाने के लालच में 3 साल घर पर भी बैठ जाएगा। लेकिन छोटा-मोटा काम और दिखते रहने के लिए काम नहीं करने वाला हूं। मुझे ऐसा लगता है कि अगर मैं ऐसे ही कोई भी काम जो हाथ में आए वह पकड़ लूंगा तो 1 दिन मुझमें एक सैचुरेशन पॉइंट आ जाएगा और मैं वह बिल्कुल नहीं चाहता हूं।
एक बार दीया मिर्जा ने कहा था कि उन्हें कई बार फिल्मों में इसलिए नहीं लिया जाता था क्योंकि वह बहुत सुंदर है। कभी आपके साथ भी हुआ रोहित?
हां ऐसा होता है। कई बार मुझे बोल दिया जाता है कि तुम इतने अच्छे दिखते हो कि तुम एकदम जो देसी रोल है, उसके लिए फिट नहीं बैठते हो तो फिर मान लेना पड़ता है। रिजेक्शन के बारे में मैं यह भी सोचता हूं कि यह तो निर्माता-निर्देशक का फैसला सर्वोपरि होना चाहिए। काम वह करने वाले हैं फिल्म के लिए पैसा वह लगाने वाले हैं और यह हक होता है उनको कि वह किसे चुने या ना चुने।
रिजेक्शन पहले मुझे थोड़ा सा दुखी कर जाते थे कि ऐसा क्यों होता है कि मेरा सिलेक्शन नहीं हो पाया है लेकिन धीरे-धीरे आप आदि हो चुके होते हैं। आपको लगता है ठीक है अगर एक फिल्म के लिए सिलेक्शन नहीं हुआ है तो शायद किसी और फिल्म के लिए सिलेक्शन हो जाएगा। और यह रिजेक्ट होना बहुत जरूरी है। उस शख्स के लिए जो इस इंडस्ट्री में आएगा क्योंकि आगे चलकर वह पब्लिक फिगर बनने वाला है। आपको रिजेक्शन जो है सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री के अंदर ही नहीं मिलता है या फिल्मों में नहीं लिया।
कई बार रिजेक्शन आपको दर्शकों से भी मिल जाता है। कई बार आप अच्छा काम करते हैं और लोग बोलते हैं कि हां ठीक ही है, अच्छा है लेकिन मुझे कोई वह बहुत खास नहीं लगता है या कई बार ऐसा होता है कि लोग आपको पसंद नहीं भी करते हैं। यह सब चीज है सिलेक्शन और रिजेक्शन वाली बातें आपको एक बहुत मजबूत किरदार बनाता है। जो आपके करियर में बहुत लंबे समय तक आपका साथ देता है।
फिल्म के निर्देशक निपुण धर्माधिकारी एक बहुत जाने-माने मराठी निर्देशक हैं और राष्ट्रीय अवॉर्ड से भी सम्मानित हैं कैसा रहा उनके साथ काम करना?
मैंने निपुणजी के साथ पहले भी काम कर चुका हूं। मिसमैच्ड के एक सीजन को उन्होंने ही निर्देशित किया था और बहुत गर्व होता है इस बात का कि मैं उनके साथ काम कर रहा हूं। मिसमैच्ड ने मुझे घर घर तक पहुंचाया है। इतना प्यार मुझे मिसमैच्ड के जरिए मिला है और वह भी निपुण जी की वजह से मिला है तो पिछले 5 साल से जो उनके साथ काम करता आ रहा हूं। मिसमैच्ड में भी वही थे और अब एक थीएट्रिकल फिल्म जो मेरी जिंदगी की आ रही है उसमें भी निपुण है तो मैं तो थैंक्यू ही बोलता रहूंगा। अपने आप को खुश किस्मत ही मानता रहूंगा।
जहां तक निपुण की बात है। उनके साथ काम करना बहुत आसान होता है। वह थिएटर करते हुए आए हैं। लेकिन जब भी काम करने के लिए सेट पर होते हैं, आपको पूरी आजादी देते हैं कि आपको किस तरीके से काम करना है। हमेशा कहते हैं कि यह किरदार है तो आप किस तरीके से निभाना चाहते हैं? एक एक्टर के लिए इतनी आजादी बहुत बड़ी बात होती है। वैसे भी इतने भी बड़े और अनुभवी कलाकार नहीं हुए हैं कि निपुण की बातों को ना समझे और उसे फॉलो ना करें। इतने बड़े निर्देशक हैं, उनकी अपनी कुछ सोच होती होगी। उसी पर चलने में हमारा भला है।
मुझे ऐसा लगता है प्यार रोमांस यानी कि एक इंसान की घर वापसी हो रही है। मैं जिस भी इंसान के पास जा रहा हूं। वह मुझे वह सुकून वह आराम दे ताकि मुझे ऐसा लगे कि मैं जिंदा हूं। बहुत सारी बातें उसे शेयर कर सकता हूं। मैं सुरक्षित महसूस करूं। मुझे वह प्यार वह अपनापन मिले. मुझे हरदम यह लगता है कि मुझे इसके बनावटीपन नहीं रखना है। मैं जैसा हूं, मैं वैसा ही इसको पसंद हूं। आगे आने वाले समय में अगर मेरी कोई प्रेमिका रही कोई अफेयर हुआ या मेरी पत्नी रही तो यह सारी बातें मैं खुद महसूस करना चाहूंगा और मेरे लिए रोमांस है।