Ishq Vishk Rebound मिलने से पहले Jibraan Khan ने दिए खूब ऑडिशन, बोले- उम्मीद कभी नहीं छोड़ी

रूना आशीष

गुरुवार, 20 जून 2024 (12:40 IST)
Jibraan Khan Interview: हम जैसा सोचते हैं वैसे फिल्म इंडस्ट्री होती नहीं है। भले ही आप फिल्म इंडस्ट्री के अंदर यानी फिल्म जगत के अंदर पले बढ़े बच्चे हो या फिर फिल्म इंडस्ट्री से आपका कोई ताल्लुक ना भी रहा हो। हर एक्टर का एक सफर होता है जिसे उसे सब तय करना ही पड़ता है। मुझे ऐसा लगता है कि अगर आप एक्टर बनना चाहते हैं तो आपको 100% तैयार होकर आना चाहिए। 
 
फिर चाहे वह आप की एक्टिंग की स्किल को लेकर हो या फिर आपके बातचीत करने की स्किल को लेकर हो या फिर आप शारीरिक तौर पर से कितने तैयार होकर आए हैं। किसी भी तरीके से आपको तैयार होकर आना ही पड़ेगा क्योंकि एक्टिंग की जो दुनिया है कि बहुत ज्यादा वक्त और आपका ध्यान मांगती है। आपको हमेशा देते रहना पड़ता है। यह कहना है जिब्रान खान का जो कि इश्क विश्क रिबाउंड में नजर आने वाले हैं। 
 
जिब्रान खान को लोग 'कुछ कुछ होता है' में शाहरुख खान के बेटे के तौर पर सालों पहले देख चुके हैं और उस समय भी उनके लुक्स को लेकर खूब पसंद किया गया था। अभी भी इश्क विश्क रिबाउंड में उनके गुड लुक्स की चर्चाएं हो रही है। प्रमोशनल इंटरव्यू के दौरान जिब्रान ने मीडिया से अपने दिल की कई सारी बातें शेयर की। जिब्रान आगे बताते हैं, आज जब मैं इस फिल्म के प्रमोशन इंटरव्यूज के लिए आप जैसे लोगों के सामने बैठा हुआ हूं तो मुझे ऐसा लगता है कि पुरानी बातें मैं भूल भी चुका हूं। 
 
किस फिल्म के लिए ऑडिशन किया मेरा सिलेक्शन हुआ या नहीं हुआ। कई बार मेरे साथ तो यह भी हुआ कि बात तब ही हो गई और फिर अंत में जाकर बोला कि नहीं यह वाला रोल आप नहीं कोई और निभा रहे हैं। मुझे ऐसा लगता है कि वह जो हुआ उसको पीछे छोड़ देते हैं। मैं तो इस बात पर खुश हूं कि रमेश तौरानी जैसे जाने-माने शख्स ने मुझ पर दांव तो लगाया मुझे इस लायक तो समझा कि उसके उनकी फिल्में मैं एक अच्छी खासी भूमिका निभा सकूं।
 
हम बता दें कि जिब्रान सिर्फ अपनी वजह से नहीं बल्कि अपने पिताजी के वजह से भी बहुत जाना माना चेहरा रहे हैं। उनके पिताजी फिरोज महाभारत में अर्जुन का रोल निभा चुके हैं और अच्छे खासे लोकप्रिय अभिनेता रहे हैं। महाभारत के अलावा फिरोज कुछ और फिल्मों में भी नजर आए हैं। 
 
इसी बात को आगे बढ़ाते हुए जिब्रान कहते हैं, मैंने बहुत सालों पहले ही ऑडिशंस देना शुरू कर दिए थे। लेकिन बहुत लंबे समय तक कोई काम हाथ नहीं लगा। लेकिन अगर मैं इस बात को अपने दिल से लगा लूं और बैठ जाऊं और कुछ ना करूं तो वह तो बहुत ही गलत बात होगी। आज हो सकता है बहुत सारी जगह में ऑडिशन देने जाता हूं तो मुझे पांच फिल्म मिल जाए। क्या पता मैं बैठा रहा हूं और 2 साल बाद मेरे पास दो ही फिल्म आए, तो काम तो करते रहना पड़ेगा। और वैसे भी यह फिल्म इंडस्ट्री ऐसी है कि आपको उम्मीद कभी नहीं छोड़नी है। 
 
मैंने हमेशा अपने आपको समझाया है, आज नहीं होगा कोई बात नहीं कल हो जाएगा। कल नहीं होगा। फिर किसी दिन हो जाएगा। लेकिन अगर मैं उस चीज पर डटा रहा और पूरी हिम्मत से आगे बढ़ता रहा तो एक ना एक दिन तो मेरे को फिल्म मिल ही जाना हैं। अब आज के बारे में बताऊं तो इश्क विश्क रिबाउंड जैसी बेहतरीन फिल्म अगर मेरी झोली में है तो मैं इससे ज्यादा और क्या मांगू। सुंदर गाने हैं, सुंदर लोकेशन है, कहानी इतनी अच्छी है। मैं और कुछ भी मांगने के लायक नहीं रहा हूं।
 
निपुण के साथ काम के साथ काम करना कैसा रहा क्योंकि वह एक जाने-माने फिल्म निर्देशक है और राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित है। 
निपुण के साथ काम करने में बहुत मजा आया। निपुण सर एक ऐसे व्यक्ति हैं जो बातों को हमेशा खुले तौर पर स्वीकार करते हैं। आप उनसे किसी बात के लिए कहो तो आइडिया के लिए बड़ा ओपन होते हैं। वो कहते हैं कि ठीक है, यह इस तरीके से है। आप क्या करना चाहते हो, चलो वह भी शूट कर लेते हैं। साथ ही में यह भी कहना चाहूंगा कि इश्क विश्क रिबाउंड किसी एक व्यक्ति की सोच नहीं है। इसमें बहुत सारे लोगों ने अपने-अपने इनपुट्स दिए हैं। 
 
यह बात तो सोलह आने सच है कि निर्माता-निर्देशक ने सबसे ज्यादा समय इस फिल्म के साथ बिताया है लेकिन निपुण ने हमें हर कदम पर साथ में रखा है। मुझे ऐसा लगता है कि क्रिएटिवली भी मैं निपुण सर की वजह से और बेहतर कलाकार बन पाया हूं।
 
कभी अपने पिताजी से एक्टिंग के गुर सीखे? 
बिल्कुल नहीं। मैं अपने पिताजी से इस विषय पर कोई बात ही नहीं कर पाया। आपको राज की बात बताता हूं मुझे अपने पिताजी से बहुत डर लगता है। लेकिन मुझे मेरे पापा के दिए हुए कुछ टिप्स को अपनाना पड़ा। जब मैंने वह अपना लिया और अपने आपको देखा तब समझ में आया कि कोई एक्टर क्यों सीनियर एक्टर कहलाता है और बाप तो बाप होता है। मैं उनके आगे कुछ नहीं हूं। मेरे पिताजी कितने बेहतरीन कलाकार हैं। मैंने लॉकडाउन के दौरान महाभारत फिर से देखी और समय के साथ-साथ आप एक ही चीज को नए नए नजरिए से देखते जाते हो। 
 
मुझे अपने पापा पर इतना गर्व होता है। यह देखते हुए कि लोग आज भी उन्हें ही अपना अर्जुन समझते हैं। उन्हें भी उतना ही प्यार और इज्जत देते हैं। अब एक बात तो मैंने तय कर ली है कि अपनी अगली फिल्म में अपने पापा से सारी सलाहे लूंगा और मैं बिल्कुल छोड़ने नहीं वाला हूं मैं।
 

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