शर्मिला टैगोर की गणना अभिजात्य-वर्ग की नायिकाओं में की जाती है। अभिनय की शालीनता तथा मर्यादाओं की लक्ष्मण-रेखा को उलांघने का साहस शर्मिला ने कभी नहीं किया। कविवर रवीन्द्रनाथ ठाकुर परिवार की समृद्ध परम्पराओं का सफल निर्वाह उन्होंने अपने किरदारों के माध्यम से कर अपने दर्शकों के समक्ष 'लार्जर देन लाइफ' इमेज प्रस्तुत की। यही वजह रही कि रवि बाबू के शांति निकेतन में शिक्षित सत्यजीत राय ने शर्मिला की प्रतिभा को पहचान कर अपनी फिल्म में सर्वप्रथम अवसर दिया। सत्यजीत राय के पारस-स्पर्श से शर्मिला का फिल्म करियर हमेशा शिखर को छूता रहा है।