बॉलीवुड 2018 : सारा-जाह्नवी सहित इन्होंने रखा कदम, कौन होगा भविष्य का सितारा

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वर्ष भर में बॉलीवुड में सैकड़ों फिल्में बनती हैं और स्टार्स होते हैं गिने-चुने। लिहाजा ज्यादातर फिल्मों में नए चेहरे नजर आते हैं, लेकिन सुर्खियां वे ही बटोर पाते हैं जिन्हें नामी बैनर लांच करें या फिर वे किसी फिल्मी परिवार से जुड़े हों। स्टार के बेटे या बेटी को तो रिलीज के पहले ही स्टार बना दिया जाता है। यहां बात करते हैं उन सितारों की जिन्होंने अपनी पहली फिल्म से ही प्रभावित किया या जिनके रिलीज होने के पहले खूब चर्चे थे। 
 
सबसे पहले बॉलीवुड में कदम रखने वाली एक्ट्रेसेस की बात। जाह्नवी कपूर और सारा अली खान की चर्चा तो पिछले एक-दो वर्षों से ही शुरू हो गई थी। जाह्नवी ने फिल्म 'धड़क' के जरिये कदम रखा। दु:ख की बात यह रही कि श्रीदेवी अपनी बेटी की पहली फिल्म देखने के लिए दुनिया में मौजूद नहीं थीं। जाह्नवी की फिल्म सफल रही, लेकिन अभिनय की बारीकियां उन्हें अभी और सीखनी होगी। वैसे उन्हें लगातार बड़े बैनर्स की फिल्मों के ऑफर मिल रहे हैं। 
 
सैफ अली खान और अमृता सिंह की बेटी सारा अली खान अपनी मां की तरह बिंदास नजर आईं। केदारनाथ में उन्होंने बेहतरीन अभिनय किया और सुशांत सिंह राजपूत के नाक के नीचे से कई सीन चुरा ले गईं। इसी साल सारा अली खान की दूसरी फिल्म सिम्बा भी रिलीज हुई। कुल मिलाकर सारा अली खान से उम्मीद है और फिलहाल तो वे जाह्नवी पर भारी हैं। 
 
छोटे परदे पर नागिन के रूप में मशहूर मौनी रॉय ने भी बड़े परदे पर कदम रखा। फिल्म 'गोल्ड' में उन्होंने बंगाली बाला का किरदार अच्छे से निभाया। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन भी किया। 
 
इसी तरह 'अक्टोबर' से करियर शुरू करने वाली बनिता संधू ने भी अपने अभिनय से प्रभावित किया। फिल्म के हीरो वरुण धवन के आगे बनिता की चर्चा दब गई और उन्हें फिल्म से अब तक खास फायदा भी नहीं मिला। बनिता की तरह मालविका मोहनन ने 'बियॉण्ड द क्लाउड्स' में दमदार अभिनय किया। 
 
सलमान खान की खोज वारिना हुसैन 'लवयात्री' में प्रभावित नहीं कर पाईं। उन्हें अभी अभिनय के पाठ पढ़ना होंगे। 'लव पर स्क्वैयर फुट' की अंगीरा धर उनसे बेहतर रहीं। कारवां में मिथिला पालकर भी प्रभावित करती हैं। सभी हीरोइनों की बात की जाए तो स्टारडम की राह पर सारा और जाह्नवी हैं क्योंकि उनके फिल्म इंडस्ट्री में कई गॉडफादर हैं। बाकियों को आगे बढ़ने के लिए कड़ा संघर्ष करना होगा। 
 
अब नवोदित अभिनेताओं की बात की जाए। इनमें ईशान खट्टर सबसे ऊपर हैं। उनके खाते में सफल फिल्म 'धड़क' भी है और बेहतरीन अभिनय से सजी 'बियॉण्ड द क्लाउड्स' भी है। अब वे अपने करियर को कैसी दिशा देते हैं ये उन पर निर्भर है। 
 
सलमान खान ने अपने जीजा आयुष शर्मा और गदर फेम निर्देशक अनिल शर्मा ने अपने बेटे उत्कर्ष शर्मा को 'स्टार' बनाने में अच्‍छा-खासा पैसा फूंका, लेकिन काम नहीं आया। आयुष की लवयात्री और उत्कर्ष की जीनियस से दर्शकों ने दूर रहना ही पसंद किया। 
 
दक्षिण भारत के लोकप्रिय कलाकार दुलकर सलमान ने 'कारवां' से हिंदी फिल्मों में कदम रखा। उनका अभिनय शानदार रहा। बॉलीवुड फिल्मों में वे कितनी रूचि लेते हैं इस पर उनका करियर यहां निर्भर करेगा। 'बाज़ार' में रोहन मेहरा प्रभावित करते हैं। 'कुछ भीगे अल्फाज़' के ज़ैन खान के बारे में भी यही बात की जा सकती है। 
 
ईशान को थोड़ा फायदा मिलेगा, बाकियों को पहचान बनाने के लिए कड़ा संघर्ष और मेहनत करना होगी। 

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