बॉलीवुड 2015 : कौन आगे? कौन पीछे?

बॉलीवुड के लिए वर्ष 2015 सामान्या रहा। शुरुआती छ: महीने बेहद बुरे गुजरे और ज्यादातर ‍समय सिनेमाघर वीरान नजर आए। दूसरे हाफ में बड़े स्टार्स की फिल्में रिलीज हुईं और सिनेमाघरों में रौनक लौटी। 2014 में नौ फिल्में सौ करोड़ क्लब में शामिल हुई जबकि 2015 में सिर्फ सात और इनमें से भी दो डब की गई फिल्में हैं। कई बड़ी फिल्में धराशायी हुईं। बॉलीवुड के निर्माता-निर्देशकों और दिग्गजों को इस बारे में गंभीरता से विचार करना होगा कि वे कैसे दर्शकों को सिनेमाघरों में आकर्षित करे। महंगे टिकट रेट इसका सबसे बड़ा कारण है। लोग चाहकर भी ज्यादातर फिल्में नहीं देख पाते हैं।
 
ब्लॉकबस्टर
2014 में भी सलमान ने ब्लॉकबस्टर फिल्म दी थी और इस वर्ष भी सबसे ज्यादा कलेक्शन वाली फिल्म उनके ही नाम रही। बजरंगी भाईजान ने 320.34 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया। यह सलमान की पहली तीन सौ करोड़ क्लब वाली फिल्म बनी। सलमान ने अपनी फॉर्मूला फिल्म से कुछ अलग हट कर किया और दर्शकों को यह नया अंदाज बेहद पसंद आया। मासूम और सहृदय सलमान बहुत दिनों बाद नजर आया। दूसरी ब्लॉकबस्टर फिल्म बनी 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' जिसने 152 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया जो कि फिल्म की लागत से बहुत ज्यादा है। इसका सारा श्रेय कंगना रनौट की दमदार एक्टिंग को जाता है। एक नायिका प्रधान फिल्म भी इतना व्यवसाय कर सकती है यह देख ट्रेड विशेषज्ञ चौंक गए। 
सुपरहिट 
सुपरहिट श्रेणी में दो डब फिल्में भी शामिल हैं। बाहुबली ने जमकर व्यवसाय किया और बजरंगी भाईजान को टक्कर दी। यहां बाहुबली के हिंदी वर्जन की बात हो रही है। फिल्म में ऐसा कोई चेहरा नहीं था जो हिंदी सिनेमा के दर्शकों को आकर्षित करे, लेकिन विज्युअल इफेक्ट और दमदार कंटेंट के कारण फिल्म सुपरहिट रही। हॉलीवुड मूवी 'फास्ट एंड फ्यूरियस 7' की सफलता भी चौंकाने वाली थी। यह भी सौ करोड़ क्लब में शामिल हुई। टीनएजर्स ने इस रफ्तार की इस फिल्म को बेहद पसंद किया। रेमो डिसजूा की फिल्म 'एबीसीडी 2' भी सुपरहिट रही। इसे भी टीनएजर्स दर्शकों का समर्थन मिला। फिल्म के थ्रीडी इफेक्ट्स लाजवाब थे और पहली बार हिंदी फिल्म में ऐसे इफेक्ट्स नजर आएं। डांस आधारित इस फिल्म की सफलता चौंकाने वाली थी। 'प्यार का पंचनामा 2' भी सुपरहिट रही और इसका विषय भी युवाओं को लुभाने वाला था। लड़का-लड़की के रिश्ते पर यह लड़कों का पक्ष मजेदार तरीके से लेती है और युवाओं को यह अपनी कहानी लगी। 
 
हिट 
कुछ फिल्में अपनी कम लागत और बॉक्स ऑफिस पर अच्छे प्रदर्शन के कारण हिट रही। टीवी के सुपरस्टार कपिल शर्मा ने फिल्मों में भी अपनी सफलता के झंडे गाड़ दिए। अब्बास मस्तान द्वारा निर्देशित 'किस किसको प्यार करूं' बॉक्स ऑफिस पर हिट रही। सेक्स का तड़का 'हेट स्टोरी 3' को हिट बना गया। पीकू, एनएच 10 और बदलापुर की कामयाबी ने दिखा दिया कि यदि नए विषय पर अच्छी फिल्म बनाई जाए तो दर्शक पसंद करते हैं। ये आम बॉलीवुड फिल्मों से अलग थीं और हिट रहीं। सलमान खान की 'प्रेम रतन धन पायो' को उम्मीद से कम सफलता मिली। इसे सेमी हिट कहा जा सकता है। पहले सप्ताह में दिवाली के कारण फिल्म ने जोरदार व्यवसाय किया, लेकिन दूसरे सप्ताह में फिल्म धड़ाम हो गई। फिल्म 207.40 करोड़ रुपये पर ही रुक गई, जिसमें से 172.82 करोड़ रुपये तो पहले सप्ताह में ही आ गए थे। 
 
औसत
दम लगा के हईशा और तलवार औसत की श्रेणी में रही है। हालांकि बहुत कम बजट और बिजनेस के हिसाब से ये हिट भी कही जा सकती हैं, क्योंकि इन दोनों फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया। हंटर भी इसी श्रेणी की फिल्म है। सनी लियोन की 'एक पहेली लीला' से उम्मीद ज्यादा थी, लेकिन फिल्म का प्रदर्शन उम्मीद से कम रहा। दृश्यम बेहतरीन फिल्म थी, लेकिन गलत टाइम पर रिलीज होने से फिल्म का बिजनेस प्रभावित हो गया। बजरंगी और बाहुबली का जब बॉक्स ऑफिस पर जोर था तब यह फिल्म रिलीज हुई और खामियाजा भुगता। अक्षय कुमार की गब्बर इज़ बैक का प्रदर्शन भी औसत रहा। 
 
फ्लॉप 
इस साल कई बड़ी फिल्में धराशायी हुई और वो भी बुरी तरह। सबसे बड़ी फ्लॉप फिल्म रही 'बॉम्बे वेलवेट'। 90 से 100 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह फिल्म बॉक्स ऑफिस से महज 23.67 करोड़ रुपये का कलेक्शन ही कर पाई। रणबीर की 'रॉय' और 'तमाशा' भी कोई हलचल नहीं मचा पाई। शाहिद कपूर की शानदार को भी पहले दिन से ही दर्शकों ने रिजेक्ट कर दिया। अक्षय कुमार ने भी ब्रदर्स, बेबी और सिंह इज़ ब्लिंग जैसी फ्लॉप फिल्में दी, हालांकि ज्यादा घाटा इन फिल्मों से नहीं हुआ, लेकिन अक्षय के स्टारडम से फिल्म के कलेक्शन मेल नहीं खाते। फैंटम, कट्टी बट्टी, हीरो, हमारी अधूरी कहानी, बैंगिस्तान, कुछ कुछ लोचा है, मिस्टर एक्स बुरी तरह पिटी। वेलकम बैक और दिल धड़कने दो को लागत ले डूबी। 
 
सराहना मिली 
कुछ फिल्में हर वर्ष ऐसी बनती हैं जो बॉक्स ऑफिस को ध्यान में रख कर नहीं बल्कि गुणवत्ता और कलात्मक दृष्टि से बनाई जाती है। इन फिल्मों से भारतीय फिल्मों का कद बढ़ता है। इनमें तितली, तलवार, पीकू, मार्गरिटा विद ए स्ट्रॉ, मसान, मांझी- द माउंटेन मैन जैसी फिल्में शामिल हैं।
 
स्टार्स का दम
नि:संदेह सलमान सबसे बड़े सितारा हैं। उनकी दो फिल्मों का कलेक्शन 500 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा। शाहरुख खान फीके रहे। 'दिलवाले' से उन्होंने तो माल कमा लिया, लेकिन वितरकों को घाटा हुआ।  अक्षय कुमार को नए सिरे से सोचना चाहिए। उनकी चारों फिल्में एक-दूसरे से जुदा थी, लेकिन दर्शकों का व्यवहार सभी फिल्मों से समान रहा। अजय देवगन 'दृश्यम' के जरिये छाप नहीं छोड़ पाए। रणबीर कपूर पिछड़ गए। रणवीर सिंह का बतौर अभिनेता कद ऊंचा हुआ। वरुण धवन भी आगे बढ़े। सिद्धार्थ मल्होत्रा और अर्जुन कपूर जहां के तहां रहे। शाहिद की फ्लॉप का सिलसिला जारी है। इरफान खान और नवाजुद्दीन सिद्दीकी की प्रशंसकों की संख्या और बढ़ी।  
 
हीरोइन के रूप में कंगना और दीपिका पादुकोण सबसे आगे रहे। दोनों ने हिट फिल्म के साथ-साथ बेहतरीन अभिनय भी किया। प्रियंका चोपड़ा भी चर्चाओं में रही। कैटरीना कैफ का ध्यान फिल्मों में कम होता जा रहा है। अनुष्का शर्मा ने अपने दम पर 'एनएच10' को सफल बनाया। करीना कपूर नामी लोगों के साथ ही काम करती हैं। आलिया भट्ट के लिए यह वर्ष शानदार नहीं रहा। जैकलीन फर्नांडिस और विद्या बालन इस वर्ष को भूल जाना चाहेगी। ज़रीन और डेज़ी शाह के हाथ एक हिट फिल्म लगी, लेकिन इससे दोनों की स्थिति में खास परिवर्तन नहीं होगा। काजोल और ऐश्वर्या राय की वापसी दमदार नहीं रही।

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