मशहूर संतूर वादक शिवकुमार शर्मा का 10 मई 2022 को निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे। संतूर वादक के रूप में उनकी लोकप्रियता पूरे विश्व में थी। बांसुरी वादक हरिप्रसाद चौरसिया के साथ मिलकर उन्होंने शिवहरी नामक जोड़ी बनाई और फिल्मों में भी संगीत दिया। चूंकि दोनों कलाकार बहुत ज्यादा व्यस्त रहते थे इसलिए फिल्मों में कम संगीत दे पाए, लेकिन जितने भी उन्होंने गीत संगीतबद्ध किए, यादगार हैं और आज भी गुनगुनाए जाते हैं।
13 जनवरी 1938 को जम्मू में जन्मे शिव कुमार शर्मा के पिता गायक थे और उन्होंने ही शिव को गायन और तबला सिखाया। तब शिव की उम्र महज पांच साल थी। 13 साल की उम्र से शिवकुमार शर्मा ने संतूर सीखना शुरू किया और 1955 में मुंबई में पहली बार लोगों के सामने परफॉर्म कर उन्हें मंत्रमुग्ध कर दिया। 1967 में शिव और हरी ने मिल कर अपना पहला अलबम 'कॉल ऑफ द वैली' रिकॉर्ड किया।
फिल्म 'सिलसिला' के लिए यश चोपड़ा नया संगीतकार ढूंढ रहे थे और उन्होंने शिवहरी को संगीतकार के रूप में चुना। 1981 में रिलीज यह फिल्म भले ही असफल रही हो, लेकिन इसके गाने सुपरहिट रहे। आज भी सुने जाते हैं। अलग ही तरह की धुनें उन्होंने 'सिलसिला' फिल्म के लिए बनाईं। लता मंगेशकर और किशोर कुमार के अलावा अमिताभ बच्चन से भी गीत गवाए। सिलसिला के लिए उन्हें बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर का फिल्मफेअर अवॉर्ड भी मिला।
इसके बाद यश चोपड़ा की फिल्मों के लिए शिवहरी संगीत देने लगे। 'फासले' (1985) और 'विजय' (1988) असफल रहीं, लेकिन शिवहरी का संगीत हिट रहा। असफलता के दौर से गुजर रहे यश चोपड़ा ने 1989 में ऋषि कपूर, श्रीदेवी और विनोद खन्ना को लेकर चांदनी नामक फिल्म बनाई। इस फिल्म के गाने रिलीज के पहले ही हिट हो गए और शिवहरी के संगीत के कारण यह फिल्म चल निकली और यश चोपड़ा के करियर में नई जान आई।
यश चोपड़ा और शिवहरी ने 'लम्हे' (1991), परम्परा (1993) और डर (1993) में भी साथ काम किया और यादगार गीत दिए। शिवकुमार शर्मा और हरीप्रसाद चौरसिया ने मिलकर 8 फिल्मों के लिए संगीत दिया जिसमें से 7 यश चोपड़ा ने निर्देशित की। 'साहिबां' (1993) एकमात्र ऐसी फिल्म थी जो यशराज फिल्म्स ने नहीं बनाई थी और जिसके लिए शिवहरी ने संगीत दिया था। हालांकि यह फिल्म यश चोपड़ा के सहायक रमेश तलवार ने बनाई थी।
शिवहरी द्वारा संगीतबद्ध किए गए हिट गीत
देखा एक ख्वाब (सिलसिला/1981)
नीला आसमां सो गया (सिलसिला/1981)
ये कहां आ गए हम (सिलसिला/1981)
रंग बरसे (सिलसिला/1981)
जनम जनम मेरे सनम (फासले/1985)
चांदनी तू है कहां (फासले/1985)
हम चुप हैं (फासले/1985)
बादल पे चल के आ (विजय/ 1988)
मेरी आंखें हैं (विजय/1988)
मेरे हाथों में (चांदनी/1989)
मेहबूबा (चांदनी/1989)
मैं ससुराल नहीं जाऊंगी (चांदनी/1989)
मितवा (चांदनी/1989)
लगी आज सावन की (चांदनी/1989)
पर्बत से काली (चांदनी/1989)
तू मुझे सुना (चांदनी/1989)
ये लम्हे (लम्हे/1991)
मोहे छेड़ो ना (लम्हे/1991)
मोरनी बागा में बोले (लम्हे/1991)
कभी मैं कहूं (लम्हे/1991)
मेघा रे मेघा (लम्हे/1991)
याद नहीं भूल गया (लम्हे/1991)
मेरी बिंदिया (लम्हे/1991)
गुडि़या रानी (लम्हे/1991)
फूलों के इस शहर में (परंपरा/1993)
जादू तेरी नजर (डर/1993)
दरवाजा बंद कर लो (डर/1993)
तू मेरे सामने (डर/1993)
अंग से अंग लगाना (डर/1993)
साहिबां मेरी साहिबां (साहिबां/1993)
शिवहरी को बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर का फिल्मफेअर अवॉर्ड