इम्तियाज अली : फिल्म बनाने में कोई तर्क नहीं मानता
PR
'जब वी मेट' से लोकप्रिय हुए निर्देशक इम्तियाज अली 'लव आजकल' और 'रॉकस्टार' में उस सफलता को नहीं दोहरा सके, लेकिन उन्हें इस बात का कोई मलाल भी नहीं है। इम्तियाज तो बस हर बार कुछ नया रचने की प्रक्रिया और उससे सीखने का आनंद लेते हैं। वे अक्सर अपनी फिल्म दर्शकों के साथ बैठकर देखते हैं। थिएटर के बाहर उनसे मिलते हैं क्योंकि इससे उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
'जब वी मेट' दर्शकों के जेहन में अब तक ताजा है और वे इम्तियाज की हर फिल्म की तुलना उससे करते हैं लेकिन इम्तियाज का कहना है कि हर नई फिल्म की तुलना 'जब वी मेट' से करना गलत है। दरअसल मैं हर बार कुछ नया करने की कोशिश करता हूं। मैं तो उसे भी अपनी परफेक्ट फिल्म नहीं मानता हूं।
दरअसल 'रॉकस्टार' को लेकर इम्तियाज को मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिली हैं। उनका कहना है कि मुझे लोगों से फिल्म के बारे में बहुत अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं मिली हैं। जैसे किसी को फिल्म का अंत पसंद आया, वहीं किसी को इंटरवेल के बाद की फिल्म पहले भाग से ज्यादा पसंद आई। वहीं कुछ लोगों को फिल्म का अंत समझ ही नहीं आया। वैसे 'रॉकस्टार' को पसंद करने वालों की संख्या पसंद नहीं करने वालों से कहीं ज्यादा है। वे यह भी कहते हैं कि मुझे तो लोगों की इस तरह की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं जानकर अच्छा लगा।
कुछ लोग उन पर यह आरोप भी लगा रहे हैं कि इस फिल्म को रॉक म्यूजिक पर आधारित बताकर प्रचारित किया गया था, लेकिन यह एक लव स्टोरी थी। इस बारे में उनका कहना है कि मैं फिल्म माध्यम और उसकी केटेगिरी के बारे में बहुत ज्यादा नहीं जानता हूं। बस, मेरे दिमाग में कहानी आई और मैंने लिख दी। फिल्म के प्रोमो में भी हमने वही दिखाया था जो कि फिल्म की कहानी है। मुझे नहीं लगता कि मैंने कुछ गलत किया है।
लीक से कुछ ज्यादा ही हटकर फिल्में बनाने के कारण कई लोग इम्तियाज की आलोचना भी करते हैं, लेकिन ऐसे लोगों की आलोचनाओं को वे गंभीरता से नहीं लेते। उनका मानना है कि फिल्म बनाने के मामले में मैं किसी तर्क को नहीं मानता और फिल्म को अनावश्यक रूप से तर्कपूर्ण बनाने के लिए किसी कृत्रिमता का सहारा लेना भी मुझे नहीं जँचता।
इन दिनों बॉलीवुड में सीक्वल और रीमेक का दौर चल रहा है पर इम्तियाज को यह चलन रास नहीं आ रहा है। उनका कहना है कि अपनी ही फिल्म का सीक्वल बनाना मेरे तो बस की बात नहीं! उन्हें लगता है कि मैं जिस भी कहानी पर फिल्म बनाने वाला होता हूं, उसकी स्क्रिप्ट पर आखिरी हद तक काम कर चुका होता हूं। एक बार फिल्म बनाने के बाद उस कहानी में मेरी कोई रुचि नहीं होगी। लेकिन हां, इम्तियाज को 'जब वी मेट' की कहानी में जरूर कुछ किए जाने की संभावनाएं नजर आईं, सो उन्होंने छोटे पर्दे पर उसे सीरियल के रूप में ढाले जाने में मदद की है। 'लव यू जिंदगी' नाम से इस फिल्म की कहानी पर टीवी सीरियल इन दिनों स्टार प्लस पर दिखाया जा रहा है।
फिल्मों में आने से पहले इम्तियाज ने भी दो टीवी सीरियल 'कुरुक्षेत्र' व 'इम्तिहान' का निर्देशन किया है, पर उन्हें लगता है कि वे सीरियल के निर्देशन में असफल रहे हैं, इसलिए अब वे बस अपने दोस्त को इस मामले में सलाह देने का काम करते हैं।
बॉलीवुड इंडस्ट्री के बारे में यहां के लोग अपने-अपने अनुभवों के आधार पर तरह-तरह की बातें करते हैं। किसी को यहां अपार संघर्ष और दुर्व्यवहार नजर आता है तो किसी को यहां भरपूर अवसर और प्यार। इंडस्ट्री को लेकर इम्तियाज के अनुभव तो काफी अच्छे रहे हैं।
वे कहते हैं कि यदि आपमें प्रतिभा है तो आपकी पूछ-परख होगी। बकौल इम्तियाज, शुरुआत में सनी देओल ने उनकी बहुत मदद की है। शाहरुख, आमिर और सलमान खान भी उनका सम्मान करते हैं। वे कहते हैं कि मैं बहुत कम पार्टीज में जाता हूं, इंडस्ट्री के लोगों से बहुत ज्यादा घुलता-मिलता नहीं हूं, फिर भी इंडस्ट्री के दिग्गजों को मेरे साथ खड़े होने में कोई संकोच नहीं होता है। मैं यहां के लोगों से अभिभूत हूं। मुझे तो काम करने के लिए बी टाउन सबसे अच्छी जगह लगती है।