आइटम नहीं हूं मैं : कंगना

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कंगना रानाउत अपनी पहली फिल्म 'गैंगस्टर' से ही समीक्षकों और दर्शकों पर अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रही थीं। इसके बाद आई उनकी फिल्में 'वो लम्हे', 'लाइफ इन ए मेट्रो', 'फैशन' में भी कंगना का अभिनय लाजवाब रहा। इन फिल्मों के बाद से ऐसा लगने लगा था कि मानो कंगना इसी तरह के रोल कर सकती हैं। लेकिन 'तनु वेड्‌स मनु' के बाद से कंगना ने अपनी इमेज बदली और अब वे कॉमेडी रोल भी कर रही हैं।

कंगना खुद भी हल्की-फुल्की हँसाने वाली फिल्में ही देखना पसंद करती हैं। जिन फिल्मों को देखकर डिप्रेशन होने लगे, ऐसी फिल्में वे देखना पसंद नहीं करती हैं। अब भविष्य में कंगना कोई हॉरर फिल्म या दुःखांत प्रेम कहानी पर आधारित कोई फिल्म नहीं करना चाहेंगी क्योंकि वे इस तरह के रोल करके उकता गई हैं।

तनु वेड्स मनु से शुरुआत
कंगना कहती हैं कि वैसे मेरी शुरुआती फिल्में सफल रही हैं, उन फिल्मों में मेरा काम भी पसंद किया गया लेकिन मैं अपने काम से खुश नहीं हूं। दरअसल कंगना को काम के ज्यादा विकल्प मिले ही नहीं, सो उन्हें जो काम मिला वे करती गईं। अब कंगना को लगता है कि उनकी शुरुआत 'तनु वेड्‌स मनु' से होनी थी। तनु का किरदार उन्हें काफी मजेदार लगा।

आने वाले समय में कंगना 'आई लव न्यू इयर' में नजर आएंगी। यह भी एक कॉमेडी फिल्म है। इसमें वे सनी देओल और आर. माधवन के साथ काम कर रही हैं। यह कंगना की दूसरी फिल्म होगी जब वे पर्दे पर आर. माधवन के साथ नजर आएंगी।

डॉक्टर से डेटिंग
कंगना अपनी फिल्मों के साथ ही अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी अक्सर चर्चा में बनी रहती हैं। अध्ययन सुमन से उनका ब्रेकअप हो चुका है और इन दिनों वे यूके के डॉक्टर निकोलस लाफर्टी के साथ डेट कर रही हैं।

कंगना कहती हैं कि वैसे मुझे पहले यह पता नहीं था कि वे डॉक्टर हैं और मैं उनसे इसलिए नहीं जुड़ी हूं कि वे डॉक्टर हैं। अब प्रोफेशन देखकर तो कोई किसी से प्यार नहीं करता ना! वे कहती हैं कि अभी तो इस रिलेशन की शुरुआत है, इसलिए शादी के बारे में कहना उनके लिए जरा मुश्किल है। वैसे कंगना के मम्मी-पापा को यूके के ये जनाब पसंद हैं।

कंगना के मुम्बई में भी बहुत-से मित्र हैं मगर वे अपने बराबर वालों के साथ ही घूमना-फिरना पसंद करती हैं। बॉलीवुड के दोस्तों में वे सोनल चौहान और जैकलीन फर्नांडीस के साथ अक्सर बाहर डिनर लेती हैं।

पहाड़ों की याद
कंगना हिमाचल से हैं और उन्हें वहाँ के खूबसूरत पहाड़ों की बहुत याद आती है। वे कहती हैं कि पहाड़ों पर रहने वाले लोगों से कभी-कभी मुझे ईर्ष्या होने लगती है। वहाँ बहुत शांति है और मुम्बई का माहौल बिलकुल विपरीत है।

कंगना यह स्वीकार करती हैं कि वे मल्टी-टैलेंटेड नहीं हैं। एक्टिंग के अलावा उन्हें स्क्रिप्ट-राइटिंग पसंद है और इन दिनों वे एक स्क्रिप्ट लिख भी रही हैं। उन्हें आइटम सांग पसंद हैं किन्तु वे खुद को 'आइटम' नहीं मानती हैं, इसलिए वे कभी आइटम सांग नहीं करेंगी।

मेहनत रंग लाती है
कंगना का मानना है कि जिंदगीँ रोज नए अनुभव होते हैं। वे कहते हैं- 'मैंने यहाँ काम करके धैर्य रखना सीखा है और यह अनुभव किया है कि मेहनत एक दिन रंग जरूर लाती है। वैसे यहाँ काम करने के लिए आपके पास अच्छे कॉन्टैक्ट्‌स का होना भी जरूरी है...साथ ही आपको यह भी मालूम होना चाहिए कि कैमरा ऑन होते ही आपको अपना बेस्ट कैसे देना है। मैं यही सब सीख रहा हूँ।'

- रंजीत वर्मा

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