इन दिनों फिल्मों की अवधि छोटी रखी जाती है। ज्यादा से ज्यादा ढाई घंटे में निर्देशक अपनी बात कह देता है। इसकी दो कारण हैं। एक तो दर्शक ज्यादा लंबी फिल्म देखना पसंद नहीं करते। दूसरी ये कि मल्टीप्लेक्स वालों का दबाव रहता है कि फिल्म की अवधि छोटी हो, ताकि वे एक ही दिन में ज्यादा शो दिखा सके। इससे उनके पॉपकॉर्न और समोसे ज्यादा बिकते हैं और ज्यादा आय होती है। लेकिन कुछ फिल्मकार ऐसे होते हैं, जो लंबी फिल्म बनाना पसंद करते हैं। आशुतोष गोवारीकर उनमें से एक है। याद कीजिए ‘लगान’। इतनी लंबी थी कि 12 घंटे में सिर्फ तीन बार दिखाई जा सकती थी। ‘जोधा अकबर’ की प्रेम कहानी दिखाने में भी आशुतोष को साढ़े तीन घंटे से ज्यादा का समय लगा।
खबर है कि उनकी ताजा फिल्म ‘व्हाट्ज़ योअर राशि?’ भी लंबी है। इस फिल्म की अवधि तीन घंटे की है। इससे मल्टीप्लेक्स वाले नाराज बताए जा रहे हैं। आशुतोष किसी भी तरह की काँट-छाँट के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि दर्शकों को फिल्म से मतलब होता है, अवधि से नहीं। अगर ऐसा होता तो ‘लगान’ और ‘जोधा अकबर’ सफल नहीं होती।
हरमन बावेजा और प्रियंका चोपड़ा ने इस फिल्म में मुख्य भूमिकाएँ निभाई हैं। प्रियंका ने इस फिल्म में 12 अलग-अलग गुजराती लड़की के रोल अदा किए हैं और फिल्म में 13 गाने बताए जा रहे हैं।