उन्होंने इसमें उल्लेख किया है कि किस तरह से एक इंसान को हर रोज संघर्षो से होकर गुजरना पड़ता है, 'धूल, गंदगी, मिट्टी, बारिश और गर्मी' इन बाधाओं के होते हुए भी वह जीवित रहने के लिए अपने संघर्ष को जारी रखता है क्योंकि जिंदगी एक निरंतर एक मरम्मत का काम है।
अमिताभ ने लिखा, जिंदगी निरंतर एक मरम्मत का काम है.. हर दिन के शुरू होते ही इस बात की अपेक्षा रहती है कि आगे क्या होगा, किन प्रयासों का सामना करना होगा, यहां जो भी है अज्ञात है और इससे उबरने या स्वीकार करने की क्या इच्छा है और अन्तत: रहस्योद्घाटन होता है कि यह निरंतर एक प्रगति का काम था और किसी को यह करना ही था क्योंकि इसे मरम्मत की जरूरत है.. सुलझाए जाने की जरूरत है.. उपाय की जरूरत है।
अमिताभ बच्चन 77 साल की उम्र में भी फिल्मों में सक्रिय हैं। वे अपने रोल्स के साथ एक्सपेरिमेंट करने से नहीं चूकते। उनके अपकमिंग प्रोजेक्ट्स की बात करें तो इनमें गुलाबो सिताबो, झुंड, चेहरे, ब्रह्मास्त्र शामिल हैं।