इन दिनों ज्यादातर फिल्म और कलाकारों को लेकर बॉयकॉट की बातें होती रहती हैं। हर समय पर निशाने पर कलाकार रहते हैं।
अभिनेता दिब्येंदु भट्टाचार्य भी इससे आहत हैं। वे कहते हैं- यह सब सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद शुरू हुआ। मैं इस बात का समर्थन नहीं करता।
अपनी बात आगे बढ़ाते हुए वे कहते हैं- क्यों कोई उन नेताओं का बॉयकॉट नहीं करता जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। क्यों कोई उनका बॉयकॉट नहीं करता जो पैसे लेकर भाग गए है? क्यों कोई उस डिपार्टमेंट में काम करने वालों का बॉयकॉट नहीं करता जो ठीक से काम नहीं करते? इनका बहिष्कार कीजिए। कलाकार सॉफ्ट टारगेट हैं इसलिए हर बार उन पर ही निशाना लगाया जाता है।
दिब्येंदु भट्टाचार्य की बात में तो दम है। उम्मीद की जानी चाहिए कि धीरे-धीरे ये बातें स्वत: समाप्त हो जाएगी।